अतुल्य भारत

होली जलाने का वैज्ञानिक कारण ?

होली पर्व पूर्ण रुप से वैज्ञानिक स्तर पर आधारित है जाड़े की ऋतु-समाप्त होती है और ग्रीष्म ऋतु का आगमन होता है। ऋतु बदलने के कारण अनेक प्रकार के संक्रामक रोगों का शरीर पर आक्रमण होता है जैसे चेचक ,हैजा ,खसरा आदि। इन संक्रामक रोगों को वायुमण्डल में ही भस्म कर देने का यह सामूहिक अभियान होलिका दहन है पूरे …

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शादी से पहले कुंडली मिलान जरुर करें, क्योंकि…

हिंदू धर्म शास्त्रों में हमारे सोलह संस्कार बताए गए हैं। इन संस्कारों में काफी महत्वपूर्ण विवाह संस्कार। शादी को व्यक्ति को दूसरा जन्म भी माना जाता है क्योंकि इसके बाद वर-वधू सहित दोनों के परिवारों का जीवन पूरी तरह बदल जाता है। इसलिए विवाह के संबंध में कई महत्वपूर्ण सावधानियां रखना जरूरी है। विवाह के बाद वर-वधू का जीवन सुखी …

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मंगलकारी प्रतीक चिन्ह स्वास्तिक

स्वास्तिक पुरातन वैदिक सनातन संस्कृति का परम मंगलकारी प्रतीक चिन्ह स्वास्तिक अपने आप में विलक्षण है। इसे हमारे सभी व्रत, पर्व, त्यौहार, पूजा एवं हर मांगलिक अवसर पर कुंकुम से अंकित किया जाता है। यह मांगलिक चिन्ह अनादि काल से सम्पूर्ण सृष्टि में व्याप्त रहा है। स्वस्तिक का अर्थ इसका सामान्य अर्थ शुभ, मंगल एवं कल्याण करने वाला है। स्वास्तिक …

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तिलक – धार्मिक व वैज्ञानिक दृष्टि से…

ललाट पर दोनों भौहों के बीच विचारशक्ति का केन्द्र है। योगी इसे आज्ञाचक्र कहते हैं। इसे शिवनेत्र अर्थात् कल्याणकारी विचारों का केन्द्र भी कहा जाता है। यहाँ किया गया चन्दन अथवा सिन्दूर आदि का तिलक विचारशक्ति एवं आज्ञाशक्ति को विकसित करता है। इसलिए हिन्दू धर्म में कोई भी शुभ कार्य करते समय ललाट पर तिलक किया जाता है। पूज्यपाद संत …

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सुबह-सुबह के समय ही क्यों करना चाहिए पूजा?

भगवान की पूजा के लिए सुबह-सुबह का समय सर्वश्रेष्ठ बताया गया है। वैसे तो दिन में कभी भी सच्चे मन से प्रभु की आराधना की जा सकती है लेकिन ब्रह्म मुहूर्त में पूजा-आराधना करने का विधान है। शास्त्रों के अनुसार प्रभु भक्ति के लिए सुबह का समय श्रेष्ठ बताया गया है क्योंकि सुबह के समय हमारा मन शांत रहता है। …

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पति के बायीं ओर ही क्यों बैठती है पत्नी ?

कभी आपने सोचा है कि पति के बाएं ओर ही क्‍यों बैठती है पत्‍नी। पति-पत्‍नी का रिश्ता बड़ा ही कोमल और पवित्र होता है। यह विश्वास की डोर से बंधा होता है। कहते हैं पत्‍नी, पति का आधा अंग होती है। दोनों में कोई भेद नहीं होता। पर जहां तक धार्मिक अनुष्ठानों का सवाल है, पत्‍नी को हमेशा पति के …

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मौली या कलावा बांधाने का क्या अर्थ है? धार्मिक व वैज्ञानिक दृष्टि से…

मौली का अर्थ है सबसे ऊपर जिसका अर्थ सिर से भी लिया जाता है। त्रिनेत्रधारी भगवान शिव के मस्तक पर चन्द्रमा विराजमान है जिन्हें चन्द्र मौली भी कहा जाता है। शास्त्रों का मत है कि हाथ में मौली बांधने से त्रिदेवों और तीनों महादेवियों की कृपा प्राप्त होती है। महालक्ष्मी की कृपा से धन सम्पत्ति महासरस्वती की कृपा से विद्या-बुद्धि …

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वैलेंटाइन – डे स्पेशल

हमारे देश में कईं सारे “दिवस” मनाये जाते हैं। जैसे गणतंत्र दिवस, स्वतंत्रता दिवस, बाल दिवस, हिन्दी दिवस इत्यादि। ये सभी दिवस या तो हमारे गौरवशाली इतिहास को याद दिलाते हैं या फिर सामाजिक कर्त्तव्यों का अहसास कराते हैं। कईं वर्षों से प्रति वर्ष पूरा देश इन्हें मनाता आ रहा है। या यूँ कहें कि इन “दिवसों” के नाम पर …

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“शुभ दिन पर आम और नीम की पत्तियां घर के दरवाजे पर बांधना”

आम और नीम की पत्तियां घर के दरवाजे पर शादी-विवाह, घर-पूजन, हवन आदि शुभ अवसर पर बांधी जाती है। इसके पीछे लोगो की अलग-अलग मतधारणाऐं है। मुख्य तौर पर यह धारणा सबसे ज्यादा मानी जाती है। संभावित कारण: सामान्य इस कार्य के लिए दिए गए कारण यह है कि आम और नीम की पत्तियां  घर के दरवाज़े पर बांधने से बुरी शक्तियां  घर में नहीं आएंगी। वैज्ञानिक कारण: शुभ दिन पर और विशेष अवसरों पर, हम सब अपने रिश्तेदारों और दोस्तों के साथ एक …

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"शुभ दिन पर आम और नीम की पत्तियां घर के दरवाजे पर बांधना"

आम और नीम की पत्तियां घर के दरवाजे पर शादी-विवाह, घर-पूजन, हवन आदि शुभ अवसर पर बांधी जाती है। इसके पीछे लोगो की अलग-अलग मतधारणाऐं है। मुख्य तौर पर यह धारणा सबसे ज्यादा मानी जाती है। संभावित कारण: सामान्य इस कार्य के लिए दिए गए कारण यह है कि आम और नीम की पत्तियां  घर के दरवाज़े पर बांधने से बुरी शक्तियां  घर में नहीं आएंगी। वैज्ञानिक कारण: शुभ दिन पर और विशेष अवसरों पर, हम सब अपने रिश्तेदारों और दोस्तों के साथ एक …

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