अतुल्य भारत

जयशंकर प्रसाद: बायोग्राफी

  जयशंकर प्रसाद (३० जनवरी १८८९ – १४ जनवरी १९३७) हिन्दी कवि, नाटकार, कथाकार, उपन्यासकार तथा निबन्धकार थे। वे हिन्दी के छायावादी युग के चार प्रमुख स्तंभों में से एक हैं। उन्होंने हिंदी काव्य में छायावाद की स्थापना की जिसके द्वारा खड़ी बोली के काव्य में कमनीय माधुर्य की रससिद्ध धारा प्रवाहित हुई और वह काव्य की सिद्ध भाषा बन …

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लक्ष्मीनारायण मिश्र : बायोग्राफी

  पंडित लक्ष्मीनारायण मिश्र, (1903-1987) हिन्दी के प्रसिद्ध नाटककार थे। उन पर पाश्चातय नाटककार इन्सन, शा, मैटरलिंक आदि का खासा प्रभाव था। लेकिन फिर भी उनके एकांकियों में भारत की आत्मा बसती थी। पं0 लक्ष्मीनारायण मिश्र जी ने प्रचुर मात्रा में गद्य तथा पद्य दोनो मे ही साहित्य स्रजन किया है। मौलिक स्रजन से लेकर अनुवाद तक उन्होंने सोद्देश्य लेखन …

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महादेवी वर्मा : बायोग्राफी

  महादेवी वर्मा (२६ मार्च १९०७ — ११ सितंबर १९८७) हिन्दी की सर्वाधिक प्रतिभावान कवयित्रियों में से हैं। वे हिन्दी साहित्य में छायावादी युग के चार प्रमुख स्तंभों[क] में से एक मानी जाती हैं।आधुनिक हिन्दी की सबसे सशक्त कवयित्रियों में से एक होने के कारण उन्हें आधुनिक मीरा के नाम से भी जाना जाता है। कवि निराला ने उन्हें “हिन्दी …

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सूर्यकान्त त्रिपाठी 'निराला' : बायोग्राफी

सूर्यकान्त त्रिपाठी ‘निराला’ (११ फरवरी १८९६ – १५ अक्टूबर १९६१) हिन्दी कविता के छायावादी युग के चार प्रमुख स्तंभों में से एक माने जाते हैं। अपने समकालीन अन्य कवियों से अलग उन्होंने कविता में कल्पना का सहारा बहुत कम लिया है और यथार्थ को प्रमुखता से चित्रित किया है। वे हिन्दी में मुक्तछंद के प्रवर्तक भी माने जाते हैं। 1930में …

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सूर्यकान्त त्रिपाठी ‘निराला’ : बायोग्राफी

सूर्यकान्त त्रिपाठी ‘निराला’ (११ फरवरी १८९६ – १५ अक्टूबर १९६१) हिन्दी कविता के छायावादी युग के चार प्रमुख स्तंभों में से एक माने जाते हैं। अपने समकालीन अन्य कवियों से अलग उन्होंने कविता में कल्पना का सहारा बहुत कम लिया है और यथार्थ को प्रमुखता से चित्रित किया है। वे हिन्दी में मुक्तछंद के प्रवर्तक भी माने जाते हैं। 1930में …

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सुमित्रानंदन पंत : बायोग्राफी

  सुमित्रानंदन पंत (२० मई १९०० – २८ दिसम्बर १९७७) हिंदी साहित्य में छायावादी युग के चार प्रमुख स्तंभों में से एक हैं। बीसवीं सदी का पूर्वार्द्ध छायावादी कवियों का उत्थान काल था। सुमित्रानंदन पंत उस नये युग के प्रवर्तक के रूप में हिन्दी साहित्य में उदित हुए। इस युग को जयशंकर प्रसाद, महादेवी वर्मा, सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ और रामकुमार …

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यशपाल : बायोग्राफी

यशपाल (३ दिसम्बर १९०३ – २६ दिसम्बर १९७६) का नाम आधुनिक हिन्दी साहित्य के कथाकारों में प्रमुख है। ये एक साथ ही क्रांतिकारी एवं लेखक दोनों रूपों में जाने जाते है। प्रेमचंद के बाद हिन्दी के सुप्रसिद्ध प्रगतिशील कथाकारों में इनका नाम लिया जाता है। अपने विद्यार्थी जीवन से ही यशपाल क्रांतिकारी आन्दोलन से जुड़े, इसके परिणामस्वरुप लम्बी फरारी और …

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पृथ्वीराज चौहान : बायोग्राफी

इस लेख को व्याकरण, शैली, संसंजन, लहजे अथवा वर्तनी के लिए प्रतिलिपि सम्पादन की आवश्यकता हो सकती है। आप इसे संपादित करके मदद कर सकते हैं।धरती का वीर योद्धा पृथ्वीराज चौहान एक टेलीविजन कार्यक्रम था जो भारतीय टेलीविजन चैनल स्टार प्लस पर प्रसारित सागर आर्ट्स द्वारा प्रारंभ किया गया जिन्होंने पहले रामायण, महाभारत और हातिम टेलीविजन शृंखला शुरू किया है। …

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तात्या टोपे : बायोग्राफी

तात्या टोपे (अंग्रेज़ी: Tatya Tope, जन्म- 1814 ई., पटौदा ज़िला, महाराष्ट्र; मृत्यु- 18 अप्रैल, 1859, शिवपुरी, मध्य प्रदेश) को सन 1857 ई. के ‘प्रथम स्वतन्त्रता संग्राम’ के अग्रणीय वीरों में उच्च स्थान प्राप्त है। इस वीर ने कई स्थानों पर अपने सैनिक अभियानों द्वारा उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश और गुजरात आदि में अंग्रेज़ी सेनाओं से कड़ी टक्कर ली और …

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वीर शिवाजी : बायोग्राफी

दृणनिश्चयी, महान देशभक्त, धर्मात्मा, राष्ट्र निर्माता तथा कुशल प्रशासक शिवाजी का व्यक्तित्व बहुमुखी था। माँ जीजाबाई के प्रति उनकी श्रद्धा ओर आज्ञाकारिता उन्हे एक आदर्श सुपुत्र सिद्ध करती है। शिवाजी का व्यक्तित्व इतना आकर्षक था कि उनसे मिलने वाला हर व्यक्ति उनसे प्रभावित हो जाता था। साहस, शौर्य तथा तीव्र बुद्धी के धनि शिवाजी का जन्म 19 फरवरी, 1630 को …

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