जीभ के इस्तेमाल से खर्राटों की समस्या होगी दूर

खर्राटों से पीछा छुड़ाने के लिए शोधकर्ताओं ने कुछ आसान सी तरकीबें इजात कर ली हैं। इनमें जबान और मुंह की कसरतें शामिल हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसा करने से खर्राटों की मात्रा और तीव्रता में प्रभावशाली ढंग से कमी आ सकती है।इस शोध के लेखक गेरैल्डो लोरेंजी-फिल्हो ने बताया,” खर्राटे घटाने के लिए मुंह के पिछले हिस्से से की जाने वाली कसरतों के प्रभाव को जब हमने अपने अध्ययन समूह के लोगों में जांचा तो उसे काफी फायदेमंद पाया। इन कसरतों से अध्ययन समूह के लोगों में खर्राटों की समस्या भी घटी”।इस अध्ययन में 39 रोगियों को तीन महीने के इलाज के लिए नाक की डाइलेटर पट्टियां इस्तेमाल करने के लिए कहा गया। इसके साथ ही श्वास अभ्यास( नियंत्रण) और दैनिक कसरत को भी इस इलाज का हिस्सा रखा गया।

इस शोध में कहा गया है कि मुंह और जबान की कसरत करने से हल्के खर्राटों की समस्या से परेशान मरीजों में खर्राटों की आवृत्ति 36 प्रतिशत और तीव्रता 59 प्रतिशत तक घट जाती है।नींद में सांस न ले पाने की शिकायत (ओएसए) होने पर खर्राटे आना एक आम समस्या है। सोते समय सॉफ्ट टिशू में कंपन होने से फैरिंगक्स में बाधा पैदा होती है जो कि इस समस्या की जड़ है। हालांकि ज्यादातर लोग जो खर्राटे लेते हैं उन्हें नींद में सांस न ले पाने की शिकायत नहीं होती है।सामन्य आबादी में खर्राटे का प्रचलन 15 से 54 प्रतिशत के बीच अलग-अगल होता है क्योंकि ज्यादातर अध्ययन मरीजों द्वारा ही इस समस्या के बारे में सूचित किए जाने पर निर्भर करते हैं।

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