Dreams Meaning in Hindi हर सपना कुछ–न कुछ कहता है। कुछ सपने निराशा देते हैं, तो कुछ जीवन में खुशियों की लहरभर देते हैं। सपनों का संबंध आत्मा से होता है। जब व्यक्ति नींद में होता है, तब उसका शरीर आत्मा से अलग होता है, क्योंकि आत्मा कभी सोती नहीं। जब मानव निद्रावस्था में होता है तो उसकी पाँचों ज्ञानेंद्रियाँ उसका मन और उसकी पाँचों कर्मेंद्रियाँ अपनी–अपनी क्रियाएँ करनी बंद कर देती हैं और व्यक्ति का मस्तिष्क पूरी तरह शांत रहता है। उस अवस्था में व्यक्ति को एक अनुभव होता है, जो उसके जीवन से संबंधित होता है। उसी अनुभव को स्वप्न कहा जाता है।
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यूनान के प्रसिद्ध दार्शनिक हिप्पोक्रेटस का मानना था कि निद्रा के समय आत्मा शरीर से अलग होकर विचरण करती है और ऐसे में जो देखती है या सुनती है, वही स्वप्न है। अरस्तू ने अपनी पुस्तक ‘पशुओं के इतिहास‘ में लिखा है कि केवल मनुष्य ही नहीं, अपितु भेड़, बकरियाँ, गाय, कुत्ते, घोड़े इत्यादि पशु भी स्वप्न देखते हैं।
प्राचीन भारतीय दार्शनिकों के अनुसार, आत्मा चौरासी लाख योनियों में जन्म लेने और भ्रमण करने के बाद मनुष्य योनि प्राप्त करती है। स्वप्न के माध्यम से वह विभिन्न योनियों में अर्जित अनुभवों का पुनः स्मरण करती है।
इन्हीं स्वप्नों के माध्यम से भूत, भविष्य। और वर्तमान की जानकारी हासिल की जा सकती है।