दमा के मरीज को जलनेति करना चाहिए

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ब्रोंका‌इटिस जैसी बीमारियों में अकसर मरीज हर मौसम में सर्दी और एलर्जी से परेशान रहता है। इनसे स्थायी रूप से छुटकारे के लिए न तो कोई ठोस दवा है और न ही कोई कारगर इलाज। ऐसे में दमा के मरीज अगर हमेशा सुबह के समय जल नेती का अभ्यास करें तो वे हर मौसम में स्वस्थ रहेंगे।

जल नेती करने के लिए नेती का नलीदार बर्तन, नमक और हल्का गर्म पानी होना जरूरी है। इसकी विधि इसप्रकार है हल्के गर्म पानी में आधा चम्मच नमक मिलाएं और नेती के बर्तन में भर लें।अब नाक के एक छेद में नली से पानी डालें। अगर आपको सर्दी हो रही है तो जो छेद बंद हो उसमें पहले डालें।धीरे-धीरे पानी डालें और लंबी सांस न लें। यह पानी नाक के दूसरे छेद से निकलना चाहिए और मुंह खुला रखें। अब इस प्रक्रिया को नाक के दूसरे छेद से करें।दोनों छेद से यह प्रक्रिया करने के बाद सीधे खड़े हो जाएं।गहरी सांस लें और फिर जल्दी-जल्दी कई बार सांस छोड़ें।

यह न सिर्फ दमा और ब्रोंकाइटिस के मरीजों के लिए फायदेमंद है बल्कि कोई भी व्यक्ति इसे सुबह-सुबह कर सकता है। इसके और भी कई फायदे हैं -गर्मियों में यह आपके मस्तिष्क को ठंडक पहुंचाती है जिससे तनाव और थकान तुरंत दूर होते हैं।साइनस के संक्रमण भी यह क्रिया बहुत फायदेमंद है।कान से संबंधित रोग या संक्रमण से भी यह बचाव करती है।इसे रोज करने से एकाग्रता बढ़ती है।माइग्रेन के दर्द में भी जल नेती से राहत मिलती है।

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