ज्योतिष और जीवन के विभिन्न आयामों का सम्बन्ध
यह सर्वविदित है कि ज्योतिषशास्त्र का सम्बन्ध प्राचीनकालीन वेदों से है परन्तु इसका यह तात्पर्य यह नहीं कि ज्योतिषशास्त्र केवल एक ग्रन्थ मात्र है । अपितु यह एक विज्ञान है जो अपने गणितीय समीकरणों के ज़रिये आकाशीय ग्रह नक्षत्रों की चाल बताने के साथ – साथ सूर्य – चन्द्र ग्रहण, तिथि, व्रत – त्यौहार, ऋतु परिवर्तन, आदि का भी इसी के माध्यम से पता लगता है । ज्योतिषीय गणनाओं के आधार पर ही एक भविष्यवक्ता मानव जीवन से जुड़े अनेक पहलुओं के विषय में हमें इसके विविध प्रकारों के माध्यम से बताता है । आज बदलते वातावरण के साथ हम जितना आधुनिक होते जा रहे हैं उतना ही ज़्यादा हम अपने भविष्य को जानने के लिऐ भी आतुर रहने लगे हैं । यही वजह है कि आज ज्योतिष विद्या को अनेक भ्रान्तियों ने आ घेरा है जिस कारण ज्योतिष के सन्दर्भ में भ्रम और धोखाधडी का खतरा भी बढ़ने लगा है । प्रस्तुत आलेख के माध्यम से मेरा यह प्रयास है कि साधारण जन तक ज्योतिष और जीवन के विभिन्न लक्षणों का सम्बन्ध विभिन्न आयामों के माध्यम से पहुंचे और इसके सन्दर्भ में निरंतर फ़ैल रहे भ्रम दूर हो सकें |
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