“बहुत कठिन है डगर पनघट की “…

उत्तर प्रदेश के सियासी महासमर का शंखनाद तो हो चुका है और इस कड़ी में लगभग सभी दल जनता को लामबंद भी कर रहे है। इस क्रम में कांग्रेस युवराज ने पिछले कुछ समय से प्रदेश में अपना आवागमन भी तेज कर दिया है, अभी पिछले महीने ही उन्होंने बाराबंकी से लेकर कुशीनगर तक की यात्रा की थी। जहाँ उसे भारी जनसमर्थन भी मिला कुछ छोटे विरोधों को दरकिनार कर दे तो यह यात्रा संतोषजनक थी, क्योंकि इस यात्रा के दौरान जो भी जिले थे वो लगभग कांग्रेस के ही हिस्से के थे जो पिछले लोकसभा के चुनाव में बढ़त के रूप में मिले थे सो इस यात्रा में सब कुछ सकुशल निपट गया, लेकिन इस बार आगामी तेरह से सत्रह दिसंबर तक एक बार फिर उत्तर प्रदेश की राजनीति में उबाल आ सकता है क्योंकि इस दौरान राहुल गाँधी अपनी यात्रा का अगला चरण शुरू करने जा रहे हैं। इस बार की यात्रा पिछली बार की तुलना में संवेदनशील भी है राहुल ने वह क्षेत्र चुना है जहाँ समाजवादियों का एक छत्र का राज था और आज भी वहां कमोबेश यही हाल है।

इस बार राहुल की यात्रा का पड़ाव “संभल” से शुरू होगा, आपको बता दे की अभी हाल ही में मायावती ने इसको एक नया जिला भीमनगर बना कर अलग ही सियासी चाल चली है। राहुल के इस चरण के अन्य जिलो में बदायूं ,इटावा ,कानपुर देहात ,कन्नौज फरुखाबाद ,मैनपुरी शाहजहांपुर ,कशीराम नगर आदि जिले तय हैं। इनमे संभल तो मुलायम सिंह का पुराना किला रहा है ,इसके साथ कन्नौज से अखिलेश यादव सांसद हैं। इस प्रकार राहुल का यह चरण समाजवादियों के किले में घुस सेंध लगाने वाला काम है। यहाँ उन्हें बड़ी सतर्कता के साथ अपनी यात्रा करने का एक दबाव भी होगा। अभी कुछ खबरें इस प्रकार आई की राहुल ने अपनी पिछली यात्रा के दौरान उभरे विरोध के सिरों को दबाना भी शुरू कर दिया है। इसी सन्दर्भ में कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी की लखनऊ में 10 दिसम्बर को प्रदेश पदाधिकारियों के साथ बैठक से पहले पार्टी की प्रदेश इकाई ने पार्टी विरोधी गतिविधियों और अनुशासनहीनता के आरोप में कई पदाधिकारियों को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया। जहाँ बहराइच में पार्टी के नगर अध्यक्ष शेख जकारिया को प्राथमिक सदस्यता तथा सभी निर्वाचित एवं मनोनीत पदों से निलम्बित कर दिया गया है। उन पर पार्टी की तरफ से घोषित प्रत्याशी के खिलाफ प्रचार सहित अन्य आरोप हैं।

इसी तरह गोरखपुर में भीतरघात करते हुए भारतीय प्रजातांत्रिक कांग्रेस का गठन करने वाले संजयन त्रिपाठी को पार्टी से छह साल के लिए निष्कासित कर दिया गया। संजयन के साथ जिला कांग्रेस कमेटी गोरखपुर के उपाध्यक्ष मारकण्डेय प्रसाद सिंह, कोषाध्यक्ष जयनारायण शुक्ल, महामंत्री प्रवीण पासवान, प्रवक्ता अनिल सिंह, महासचिव रूपेश कुमार तथा अध्यक्ष नगर महिला कांग्रेस मीरा भारती को पार्टी विरोधी कृत्यों में संलिप्तता के आरोप में पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से छह साल के लिए निष्कासित कर दिया गया है। इससे पहले पार्टी विरोधी आचरण के चलते बाराबंकी के कद्दावर कांग्रेस नेता एंव प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सदस्य शिव शंकर शुक्ला व बहराइच के जिलाध्यक्ष जितेंद्र सिंह को पार्टी बाहर का रास्ता दिखा चुकी है। इन दोनों नेताओं पर केंद्रीय मंत्री व वरिष्ठ नेता बेनी प्रसाद वर्मा की खिलाफत का आरोप था।

इस प्रकार यही कहा जा सकता है की आने वाले चुनाव में राहुल गाँधी अगर कांग्रेस का बढ़ता जनाधार और सरकार में सहभागिता चाहते हैं तो सबसे पहले अपने अन्दर के सांगठनिक ढांचे को मजबूत करें और आने वाले प्रदेश दौरे में यदि जातिगत राजनीति से ऊपर उठकर सोचें क्योंकि अभी बहुत कठिन है डगर पनघट की।

—अभिषेक दुबे —

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