हांगकांग के लोग अपने नेता का चुनाव नहीं कर पाएंगे। मुख्य कार्यकारी का चुनाव चीन समर्थित 12 सौ सदस्यीय समिति के सदस्य ही करेंगे। हांगकांग विधान परिषद में चीन का चुनाव सुधार प्रस्ताव खारिज होने के कारण यह स्थिति पैदा हुई है। हालांकि यह पहले से ही अपेक्षित था। लोकतंत्र समर्थक इस प्रस्ताव को “फर्जी लोकतंत्र” बताकर इसका पिछले साल से ही विरोध कर रहे हैं। 70 सदस्यीय परिषद में प्रस्ताव के पक्ष में महज आठ वोट ही पड़े। 28 सदस्यों ने इसका विरोध किया। मतदान के वक्त सदन में महज 37 सदस्य ही मौजूद थे।
चीन समर्थक जनप्रतिनिधि सदन से पहले ही बाहर निकल गए थे। प्रस्ताव खारिज होने पर चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लू कांग ने निराशा जताई है। दूसरी ओर, प्रस्ताव खारिज होने के बाद लोकतंत्र समर्थकों का प्रदर्शन नए सिरे से शुरू होने की संभावना बढ़ गई है। प्रस्ताव का विरोध करने वाले विधायक एलेन लियांग ने कहा कि यह लोकतंत्र समर्थक आंदोलन के लिए एक नई शुरुआत है।