आइएस के शीर्ष नेताओं की पत्नियां संदेशवाहक का काम करती हैं। इनमें संगठन के प्रमुख अबू बकर अल बगदादी की बीवी भी शामिल है। ये महिलाएं एक-जगह से दूसरे जगह तक संदेश पहुंचाने का काम करती हैं। अपने पति को बचाने के लिए इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का इस्तेमाल भी नहीं करती। न्यूयॉर्क टाइम्स ने अमेरिकी खुफिया अधिकारियों के हवाले से यह जानकारी दी है। संगठन में इन महिलाओं की भूमिका का खुलासा अबू सायफ के ठिकाने से जब्त किए गए दस्तावेजों और उसकी पत्नी उम सायफ से पूछताछ के बाद हुआ है। पिछले महीने अबू को अमेरिकी कमांडो ने पूर्वी सीरिया के अल अम्र में मार गिराया था। वह आइएस के तेल, गैस और वित्तीय कामकाज का संचालन करता था। अबू के ठिकाने से लैपटॉप, सेलफोन और अन्य दस्तावेज बरामद किए गए थे।
अखबार के मुताबिक इनसे आइएस के कामकाज को लेकर कई जानकारी सामने आई है। बगदादी से मिलने से पहले संगठन के नेताओं से सारे इलेक्ट्रॉनिक उपकरण ले लिए जाते हैं, जिससे अमेरिका को उसके ठिकाने के बारे में जानकारी नहीं मिल पाए। तेल से होने वाली कमाई का आधा हिस्सा संगठन के कामकाज पर खर्च होता है। शेष रकम तेल उत्पादन और वहां काम करने वाले कर्मचारियों को वेतन देने पर खर्च किया जाता है। संगठन ने एक सुरक्षा परिषद भी बना रखी है। हत्या, अपहरण, बंधकों से पूछताछ और हमले इस परिषद के इशारे पर अंजाम दिए जाते हैं। इराक में सैनिक भेजेगा अमेरिका आइएस के खिलाफ संघर्षरत इराकी सेना की मदद के लिए अमेरिका और सैनिकों को इराक भेजने पर विचार कर रहा है। उसकी योजना इराक के अनबार प्रांत में सैन्य अड्डा बनाने की भी है।
मीडिया की रिर्पोटों में कहा गया है कि अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा पांच सौ के करीब अतिरिक्त सैनिक इराक भेजने पर विचार कर रहे हैं। ये सैनिक आतंकियों के खिलाफ संघर्षरत इराकी सैनिकों और कुर्द बलों को प्रशिक्षित करेंगे। इससे पहले पिछले साल नवंबर में अमेरिका ने 15 सौ सैनिक इराक भेजे थे। फिलहाल इराक में तीन हजार से ज्यादा अमेरिकी सैनिक हैं। हालांकि ये आइएस के खिलाफ सीधी जमीनी लड़ाई में शामिल नहीं