इस निशान के होने से बदल जाता है रेखाओं का फल

हथेली पर जिस किसी भी रेखा के साथ या पर्वत पर चतुष्कोण बनता है। उस रेखा या पर्वत से संबंधित शुभ परिणामों को बढ़ाने वाला माना गया है। साथ ही टूटी रेखाओं के दोष को कम करने वाला माना गया है। हथेली पर चतुष्कोण की उपस्थिति हर तरीके से शुभ फल को बढ़ाने वाली होती है।
हथेली पर एक स्थान ऐसा भी जहां चतुष्कोण होने से विपरीत प्रभाव पड़ सकता है। वो स्थान है शुक्र पर्वत। शुक्र पर्वत पर चतुष्कोण अच्छा नहीं माना गया है। चतुष्कोण से शुक्र पर्वत पर क्या परिणाम होते हैं? इसका बारे में जानेंगे। चतुष्कोण के रेखाओं पर क्या परिणाम होते हैं, जानते हैं इसके बारे में
 

चतुष्कोण की आकृति

हथेली पर चतुष्कोण चार भुजाओं वाली एक चौकोर आकृति है। चार रेखाओं से बनने वाली ये आकृति टेड़ी-मेड़ी अलग-अलग लम्बाई व चौड़ाई वाली हो सकती है। चतुष्कोण की हथेली पर स्थिति कई प्रकार की परेशानियों से बचा सकती है। 

हथेली पर चतुष्कोण की उपस्थिति का फल

यदि हथेली की कोई रेखा सही स्थिति में है और उस पर चतुष्कोण है तो यह उस रेखा से प्राप्त होने वाले शुभ परिणामों को अधिक बढ़ा देता है। यदि रेखा टूटी हुई है तो यह उसके बुरे प्रभावों को कम करने वाला होता है। साथ ही उस रेखा से होने वाले दुष्परिणामों को बदल भी सकता है।
 
जीवन रेखा पर चतुष्कोण का फल
लंबी जीवन रेखा पर चतुष्कोण की उपस्थिति उम्र को बढ़ाने वाली मानी गई है। यदि जीवन रेखा टूट रही हो और उस पर चतुष्कोण की उपस्थिति हो जाए तो यह शारीरिक तकलीफों को कम कर सकता हैं।

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