देश ही नहीं पूरी दुनिया से आर्थिक उथल पुथल की ख़बरें हर रोज़ आ रही है।ऐसे में जब आम उपभोक्ता बाज़ार में निकलता है तो कई सवाल उसे अपने आप घेरे में ले लेते हैं। पैसा खर्च किया जाए या बचाया जाए। गिरते पूंजी बाज़ार में पैसा लगाया जाए कि सोने की चमक पर दावं लगाया जाए। नया घर लिया जाए कि नहीं। ब्याज दरों के बढ़ने का शोर हर तरफ है, ऐसे में आम उपभोक्ता की चिंताएं बढ़ी है। ब्याज दरें बढ़ने की वजह से लोगबाग अपनी रकम बचत खाते में रखने के बजाय सावधि जमा में डालने लगे हैं। दूसरी तरफ उन्होंने बैंकों से ऋण लेना कम कर दिया है।
शेयर सूचकांक इस साल करीब 20 फीसदी गिर चुके हैं, जबकि डूबने वाले ऋण बढ़ते जा रहे हैं। कंपनियां, खासकर छोटे उद्यमी समय पर कर्ज नहीं लौटा पा रहे हैं। यही नहीं, कंपनियां बड़ा निवेश करने से बच रही हैं। उद्योग संगठन सीआईआई का कहना है, “कि प्रमुख कंपनियां निवेश व पूंजी खर्च में कमी ला रही है।” सवाल ये है कि आम निवेशक क्या करें, क्योंकि माना जाता है कि सेंसेक्स जब नीचे हो तो निवेश करना बुद्धिमानी होती है। लेकिन भविष्य में और गिरावट नहीं होगी इसकी गारंटी कौन देगा। पिछले दिनो खाद्य मुद्रास्फीति के आंकड़े राहत की खबर लेकर आए।
सब्जियां,प्याज, आलू और गेहूं जैसी आवश्यक वस्तुओं के दाम में गिरावट के चलते खाद्य मुद्रास्फीति तीन दिसंबर को समाप्त सप्ताह में घटकर 4.35 फीसदी रह गई जो इसका लगभग चार साल का निचला स्तर है। लेकिन यहां सवाल है कि क्या आम उपभोक्ताओं तक खाद्य मुद्रास्फीति की ये गिरावट, सचमुच राहत दे रही है। अगर हां तो कैसे। सोने के सोणेपन की बात करें तो पिछले दिनों काफी उतार चढ़ाव देखने को मिले हैं। लेकिन अभी इस बाज़ार के विशेषज्ञ गोल्ड में निवेश को लेकर चेताते हैं। सोना तेज़ी से बढ़ा अब इसमें गिरावट भी दिख रहा है। ये अपने आप में थोड़ा मनन का मुद्दा है कि यूरोप और दुनिया भर में जारी वित्तीय संकट से इसके दाम भी चढ़े हैं। ऐसे में ये अपने आप कई संकेत देता है।
लेकिन यहां सवाल है कि क्या आम निवेशक को अपनी गाढ़ी कमाई सोने में लगाने का वक्त है। जो लोग पहले गोल्ड में पैसा लगा चुके हैं, वे अब जरूर कमाई कर रहे हैं। वित्त वर्ष अपने आख़री तिमाही की ओर बढ़ चला है, ऐसे में बैंक की लुभावने ऑफर आने शुरु हो गए हैं। पंजाब नेशनल बैंक ने कार लोन स्कीम को 31 जनवरी तक के लिए बढ़ा दिया है। वहीं, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया होम और कार लोन पर ब्याज छूट जारी रखेगा मार्च 2012 तक जारी रखने की घोषणा कर चुकी है। देश के कई प्रमुख सार्वजनिक बैंक होम लोन और कार लोन की ब्याज दरों में दी जा रही छूट की स्कीम नए साल में जारी रखने की तैयारी कर चुके हैं। अब यहां सवाल ये है कि क्या मंदी या कहें आर्थिक धीमेपन की आशंकाओं के बीच आम उपभोक्ता जो कार और एक अदद आशियाने का सपना पाले बैठे हैं, उन्हें आगेआना चाहिए। क्या इसके लिए ये समय सही है। ये अगले वित्त वर्ष तक इंतज़ार करना चाहिए।
किशोर जोशी
इंडिया हल्ला बोल