रिजवी को शिया वक्फ बोर्ड का अध्यक्ष बनाने के खिलाफ जेल भरो आंदोलन कर रहे शिया धर्मगुरु मौलाना कल्बे जव्वाद ने बड़े इमामबाड़े पर भीड़ जुटाकर सूबे के ताकतवर मंत्री आजम खान को चुनौती दी। मौलाना जव्वाद ने कहा कि आजम खान कहते हैं कि शिया इतने कम हैं कि दूरबीन से नहीं दिखते, अब वो देखें कि शिया समुदाय की तादाद कितनी है। वसीम रिजवी के इस बयान पर कि इमामबाड़ों में तालाबंदी शैतानी हरकत है, पर मौलाना जव्वाद ने कहा कि जब नाजिम साहब के इमामबाड़े में सरकार ने ताला लगाया था तो क्या वह तालिबानी हरकत नहीं थी। उन्होंने ये एलान भी किया कि सोमवार को वह अपने समर्थकों के साथ हजरतगंज पहुंचकर गिरफ्तारी देंगे।
मौलाना जव्वाद ने दावा किया कि वसीम रिजवी को शिया वक्फ बोर्ड का अध्यक्ष बनाने के खिलाफ देशभर में 40 जगह पर लोग गिरफ्तारी दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली में तंजीम-ए-हैदरी और एमआईएम के लोगों ने सपा प्रमुख मुलायम सिंह के घर पर प्रदर्शन कर गिरफ्तारी दी है। इस नजारे के बाद अब मुलायम सिंह की आंखें खुल जानी चाहिए। शिया धर्मगुरु ने कहा कि लोग कहते हैं कि मुलायम सठिया गए हैं, मैं कहता हूं कि अगर इसी तरह चोर का साथ दिया तो वाकई सठिया जाएंगे। उन्होंने ये भी कहा कि आजम खान की वजह से शियाओं के अलावा सुन्नी, बरेलवी और हिंदू भी खफा हैं। ऐसे में अगले चुनाव में कन्नौज और इटावा तक ही सपा सिमट सकती है।
मौलाना कल्बे जव्वाद ने कहा कि उन्होंने गिरफ्तारी देने के लिए प्रशासन से 200 बसें लाने को कहा था, लेकिन 18 बसें लाई गईं। ऐसे में 30 हजार औरतों समेत एक लाख लोग गिरफ्तारी भला कैसे दें। उन्होंने प्रशासन को एक घंटे का वक्त भी दिया था कि वह एक हजार बसों का इंतजाम करे। बाद में मौलाना ने कहा कि वह सोमवार को हजरतगंज चौराहे पर गिरफ्तारी देंगे। इसके बाद वह अपने समर्थकों के साथ छोटा इमामबाड़ा चले गए। इस बीच, शियाओं की गिरफ्तारी देने के एलान के मद्देनजर प्रशासन ने अस्थायी जेलें बनाई हैं। वसीम रिजवी के मुद्दे पर हो रहे हंगामे की वजह से लखनऊ आने वाले पर्यटक मायूस हो रहे हैं। बड़े और छोटे इमामबाड़ों में ताले लटके हैं और उन्हें वह देख नहीं सकते। ऐसे में एक ओर जहां ट्रस्ट को लाखों का चूना लग रहा है, वहीं ये विश्व प्रसिद्ध धरोहरें, चंद प्रदर्शनकारियों की कैद में होने से पूरे विश्व में राजधानी की छवि भी खराब हो रही है। बताया जा रहा है कि लोग देश-विदेश से फोन करके पूछ रहे हैं कि लखनऊ में ये सब कैसे और क्यों हो रहा है। वहीं, शिया धर्मगुरु का कहना है कि ये घूमने की जगह नहीं, इबादत की जगह हैं। शहर के आलाधिकारी भी इस मामले में चुप हैं। कमिश्नर महेश कुमार गुप्ता का कहना है कि वे लोग इस मामले को लेकर लाचार हैं।