तेल कंपनियों ने सोमवार आधी रात से पेट्रोल 64 पैसे महंगा कर दिया। 16 फरवरी के बाद से यह पांचवां और 1 मई के बाद से लगातार तीसरा मौका है, जब तेल कंपनियों ने पेट्रोल के रेट बढ़ाए हैं। हालांकि, डीजल 1.35 रुपए/लीटर सस्ता मिलेगा। पेट्रोल-डीजल के रेट में पिछली बार बदलाव 16 मई को हुआ था। तब पेट्रोल 3.13 रुपए और डीजल 2.71 रुपए/लीटर महंगा किया गया था।देश में ज्यादातर माल ढुलाई ट्रकों के जरिये होती है। डीजल सस्ता होने से मालभाड़ा कम हो सकता है। सब्जी, फल और दालों के रेट कम हो सकते हैं। बसों का किराया भी घट सकता है। इससे आम जनता को राहत मिल सकती है।
भारत अपनी जरूरत का 75 से 80% कच्चा तेल इम्पोर्ट करता है। पेट्रोल के साथ ही डीजल भी सरकार के कंट्रोल से बाहर है। इसकी कीमतें मार्केट के हवाले की जा चुकी हैं। तेल कंपनियां हर महीने की पहली और 16वीं तारीख को एवरेज इम्पोर्ट कॉस्ट और रुपए-डॉलर के एक्सचेंज रेट के आधार पर कीमतें में बदलाव करती हैं। सोमवार को डीजल सस्ता होने के बावजूद पेट्रोल महंगा क्यों हुआ, इसके बारे में तेल कंपनियों ने डॉलर-रुपए के एक्सचेंज रेट का हवाला दिया। इंडियन ऑइल कॉर्पोरेशन ने बयान जारी कर कहा- ‘पिछली बार हुए बदलाव के बाद अंतरराष्ट्रीय बाजार में पेट्रोल महंगा हो रहा था और डीजल सस्ता हो रहा था।
इसी के साथ डॉलर के मुकाबले रुपए के रेट में भी लगातार बदलाव हो रहा था। इन दोनों फैक्टर के कारण पेट्रोल का इम्पोर्ट तो महंगा हो गया लेकिन डीजल सस्ता पड़ने लगा। इसी वजह से डीजल के साथ पेट्रोल के रेट में कमी का फायदा हम कंज्यूमर्स को नहीं दे पाएंगे।’ नवंबर से जनवरी के बीच सरकार ने चार बार एक्साइज ड्यूटी बढ़ाई थी। इस इजाफे के बाद पेट्रोल पर 7.75 रुपए/लीटर और डीजल पर 6.50 रुपए/लीटर की एक्साइज ड्यूटी लग रही है। अगर सरकार यह ड्यूटी वापस कर ले तो इस बढ़ाेत्तरी के बाद भी दिल्ली में आम आदमी को पेट्रोल 58.54 और डीजल 45.78 रुपए/लीटर की दर से मिलेगा।