जानिये महाभारत युद्ध के 10 रहस्यमय व्यक्ति

The Mystery of the Mahabharata

महाभारत में कई घटना, संबंध और ज्ञानविज्ञान के रहस्य छिपे हुए हैं। महाभारत का हर पात्र जीवंत है, चाहे वह कौरव, पांडव, कर्ण और कृष्ण हो या धृष्टद्युम्न, शल्य, शिखंडी और कृपाचार्य हो। महाभारत सिर्फ योद्धाओं की गाथाओं तक सीमित नहीं है। महाभारत से जुड़े शाप, वचन और आशीर्वाद में भी रहस्य छिपे हैं, क्योंकि महाभारत का हर व्यक्ति रहस्यमय था।

‘महाभारत’ एक ऐसा ग्रंथ है जिसमें भारतीय ही नहीं, विश्‍व इतिहास का रहस्य छुपा हुआ है। महाभारत संबंधी अब तक जितनी भी खुदाई हुई है या उस काल के तथ्‍य मिले हैं, वे सभी मानव इतिहास के रहस्यों से परदा उठाते हैं। 

भारतीय ही नहीं, इसमें मनुष्यों के इतिहास का अभी भी वह कालखंड ‍छुपा हुआ है जिसके जानने से ज्ञान, विज्ञान, खगोल, धर्म आदि के मामले में मनुष्यों की जानकारी में आश्चर्यजनक रूप से इजाफा हो सकता है। किसी भी देश के इतिहास को धर्म के चश्मे से नहीं देखा जा सकता है। आओ हम जानते हैं महाभारत काल के ऐसे 10 व्यक्तियों के बारे में जिनमें अद्भुत क्षमता थी। वे आम मनुष्यों की तरह मनुष्य नहीं थे। वे कुछ और ही तरह की क्षमता से संपन्न थे।

पहला रहस्यमय व्यक्ति

सहदेव : पांच पांडवों से से दो नकुल और सहदेव दोनों ही माद्री-अश्‍विन कुमार के पुत्र थे। सहदेव भविष्य में होने वाली हर घटना को पहले से ही जान लेते थे। वे जानते थे कि महाभारत होने वाली है और कौन किसको मारेगा और कौन विजयी होगा। लेकिन भगवान कृष्ण ने उसे शाप दिया था कि अगर वह इस बारे में लोगों को बताएगा तो उसकी मृत्य हो जाएगी।

कैसे मिली शक्ति : सहदेव के धर्मपिता पाण्डु बहुत ही ज्ञानी थे। उनकी अंतिम इच्छा थी कि उनके पांचों बेटे उनके मृत शरीर को खाएं ताकि उन्होंने जो ज्ञान अर्जित किया है वह उनके पुत्रों में चला जाए! सिर्फ सहदेव ने ही हिम्मत दिखाकर पिता की इच्छा का पालन किया। उन्होंने पिता के मस्तिष्क के तीन हिस्से खाए। पहले टुकड़े को खाते ही सहदेव को इतिहास का ज्ञान हुआ, दूसरे टुकड़े को खाने से वर्तमान का और तीसरे टुकड़े को खाते ही वे भविष्य को देखने लगे। इस तरह वे त्रिकालज्ञ बन गए। 

दूसरा रहस्यमय व्यक्ति

बर्बरीक : बर्बरीक दुनिया का सर्वश्रेष्ठ धनुर्धर थे। बर्बरीक के लिए तीन बाण ही काफी थे जिसके बल पर वे कौरवों और पांडवों की पूरी सेना को समाप्त कर सकते थे। युद्ध के मैदान में भीम पौत्र बर्बरीक दोनों खेमों के मध्य बिन्दु एक पीपल के

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