आखिर पाकिस्तान ने भारत की आपत्तियों के नजरअंदाज करते हुए सोमवार को गिलगिट-बाल्टिस्तान में असेंबली चुनाव के लिए वोटिंग कराई। साल 2009 में पावर ट्रांसफर के बाद पड़ोसी देश ने दूसरी बार ऐसे चुनाव कराए हैं।विधानसभा की 24 सीटों के लिए चुनाव सोमवार सुबह 8 बजे से वोटिंग शुरू हुई और बिना रुकावट शाम 4 बजे तक चली। पाकिस्तान के चुनाव आयोग के मुताबिक, वहां करीब छह लाख 18 हजार 364 रजिस्टर्ड वोटर्स हैं, जिनमें दो लाख 88 हजार 889 महिलाएं हैं।
विधानसभा के 6 सदस्यों का चुनाव स्कार्दू जिले, चार का दियामर जिले के लिए और इनके अलावा गिलगिट, हुंजा नगर, गिजर और गांचे से तीन-तीन सदस्य चुने जाने हैं। दो का चुनाव एस्टर जिले से होगा।वोटिंग के लिए 1143 केंद्र बनाए गए हैं, जिनमें 282 को अति संवेदनशील और 269 को संवेदनशील घोषित किया गया था। इन चुनावों में 272 उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला होना है।
जिनमें प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की पीएमएल (एन), इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ और भुट्टो की पाकिस्तान पीपल्स पार्टी मैदान में हैं। पीएमएल (एन) और इमरान की पार्टी सभी 24 सीटों पर चुनाव लड़ रही है।पीपीपी 22 सीटों पर, पाकिस्तान अवामी तहरीक 7, एमडब्ल्यूएम 15, जेयूआई-एफ 10, एपीएमएल 13, तहरीक-ए-इस्लामी 12 और जमात-ए-इस्लामी 6 सीटों पर चुनाव लड़ रही है।
इस इलाके में पहले हुए चुनाव में क्षेत्र का नाम नॉर्दर्न एरियाज से बदल कर गिलगिट-बाल्टिस्तान किया गया था और यहां स्थानीय विधानसभा गठित की गई थी। गिलगिट-बाल्टिस्तान में चुनाव कराए जाने पर कड़ी प्रतिक्रिया जताते हुए भारत ने पिछले हफ्ते कहा था कि यह पाकिस्तान का जबरन और अवैध तरीके से इलाके हड़पने की कोशिश है, जो देश के मुख्य अंग हैं।विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने पाकिस्तान द्वारा क्षेत्र के लोगों को उनके राजनीतिक अधिकारों से वंचित करने और इन इलाकों को हड़पने की कोशिश पर चिंता जताई थी।