साउथ अफ्रीका के प्रेसिडेंट जैकब जुमा ने अपने पद से दिया इस्तीफा

साउथ अफ्रीका के प्रेसिडेंट जैकब जुमा ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने कहा कि मैं अपनी पार्टी (अफ्रीकन नेशनल कांग्रेस) के फैसले से सहमत नहीं हूं लेकिन मैं पार्टी का अनुशासित मेंबर हूं। करप्शन मामले में भारतीय मूल के बिजनेसमैन गुप्ता ब्रदर्स- अजय, अतुल और राजेश के अरेस्ट होने के बाद राष्ट्रपति जैकब जुमा की मुश्किलें और बढ़ गई थीं।

सत्ताधारी पार्टी अफ्रीकन नेशनल कांग्रेस ने जुमा को इस्तीफा देने के आदेश दिए थे। गुप्ता परिवार को जुमा का करीबी माना जाता है। आरोप है कि जुमा ने सत्ता का इस्तेमाल कर गुप्ता ब्रदर्स को करोड़ों का फायदा पहुंचाया है। स्पेशल पुलिस हॉक्स की ओर से बुधवार को जारी स्टेटमेंट में बताया गया कि रेड्स व्रेदे फार्म केस में डाली गई।

इसके बाद अजय, अतुल और राजेश गुप्ताको अरेस्ट कर लिया गया।गुप्ता परिवार पर आरोप है कि उन्होंने व्रेदे के करीब एस्तीना डेयरी फार्म को गलत तरीके से करोड़ों रूपए खर्च कर अपने कब्जे में ले लिया था। जबकि, इस प्रोजेक्ट को अश्वेत और गरीब किसानों की मदद लिए शुरू किया जाना था।इस बीच गुप्ता परिवार के वकील ने कहा कि उन्होंने अभी तक सर्च वारंट नहीं देखा है और इस मामले में फिलहाल कुछ नहीं कहेंगे।

जैकब जुमा का बेटा दुदुजाने गुप्ता परिवार की कंपनी सहारा कम्प्यूटर्स में डायरेक्टर पद पर रह चुका है। इसके अलावा उनकी तीसरी पत्नी बोंगी नगेमा और एक बेटी भी गुप्ता की कंपनियों में नौकरी कर चुकी हैं। साउथ अफ्रीका में विपक्ष का कहना है कि इस परिवार का सरकार में दखल है।तीनों भाई अतुल, अजय और राजेश 1993 में भारत से साउथ अफ्रीका गए थे।

यहां इन्होंने कम वक्त में कम्प्यूटर, माइनिंग, एनर्जी, टेक्नोलॉजी और मीडिया से जुड़ा कारोबार खड़ा किया। परिवार पर देश की राजनीति को प्रभावित करने के आरोप लगते रहे हैं। कई लोग परिवार पर भ्रष्टाचार और पैसों की दम पर देश को चलाने का आरोप भी लगा चुके हैं।2016 में गुप्ता परिवार के अतुल गुप्ता साउथ अफ्रीका के सातवें सबसे अमीर शख्स बन गए थे।

देशभर में हुए एक सर्वे में उनकी नेट वर्थ करीब 773 मिलियन डॉलर्स (करीब 5 हजार करोड़ रूपए) आंकी गई थी।साउथ अफ्रीका के एक्स-डिप्टी फाइनेंस मिनिस्टर मकेबिसी जोनास ने 2016 में आरोप लगाया था कि गुप्ता परिवार ने उन्हें 50 मिलियन डॉलर्स (करीब 321 करोड़ रूपए) रिश्वत ऑफर की थी। तीनों भाई चाहते थे कि जोनास फाइनेंस मिनिस्टर रहते हुए उनके प्रोजेक्ट्स को पास करते रहें।

इसके बाद 2017 में 1 लाख से ज्यादा ई-मेल्स लीक हुए थे। इनमें सरकार पर गुप्ता परिवार के प्रभाव का खुलासा हुआ था। इन मेल से गुप्ता परिवार को मिले सरकारी कॉन्ट्रैक्ट्स सामने आए थे, जिसके बाद लोगों ने जुमा और उनकी सरकार के खिलाफ प्रोटेस्ट किया था।पब्लिक प्रॉस्क्यूटर्स ने आरोप लगाया है कि इन तीनों भाइयों ने सरकार के पूरे सिस्टम को अपने कब्जे में कर लिया था।

राष्ट्रपति जैकब जुमा के साथ अपनी दोस्ती का फायदा उठाकर मंत्रियों के अप्वाइंटमेंट्स में दखल दिया, करोडों के ठेके हथियाए अौर सरकार के भीतर की गोपनीय जानकारी तक पहुंच बनाई।बीते कुछ सालों में साउथ अफ्रीका के कई बैंकों ने गुप्ता परिवार के साथ बिजनेस रिलेशन खत्म किए हैं।

इसके चलते परिवार को कंपनी के कामकाज और स्टाफ की सैलरी देने में दिक्कत आ रही थी।हाल ही में साउथ अफ्रीका स्थित बैंक ऑफ बड़ौदा पर गुप्ता परिवार की मदद का आरोप लगा था, जिसके चलते बैंक ने देश में अपनी सेवाएं खत्म करने का एलान किया था।

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