नेपाल के उच्चतम न्यायालय ने प्रधानमंत्री प्रचंड और संसद के अध्यक्ष ओंसारी घात्री मागर को समन कर उनसे संविधान संशोधन विधेयक पंजीकृत किए जाने की तार्किकता पर स्पष्टीकरण मांगी है.मधेशी समुदाय की मांगों को देखते हुए सरकार ने संविधान संशोधन विधेयक को पंजीकृत करवाया है.
हिमालयन टाइम्स की खबर के अनुसार, न्यायमूर्ति जगदीश शर्मा पौडेल की एकल पीठ ने दोनों नेताओं को आदेश दिया है कि वे इस विषय पर एक सप्ताह के भीतर स्पष्टीकरण देने का आदेश दिया है. सरकारी कदम के खिलाफ दायर याचिका पर अगली सुनवायी अब 20 दिसंबर को होगी.
सत्तारूढ़ नेपाली कांग्रेस-माओेवादी गठबंधन सरकार ने विरोध प्रदर्शन कर रहे मधेशी दलों की मांगों को लेकर 29 नवंबर को संसद सचिवालय में संविधान संशोधन विधेयक पंजीकृत कराया है.