नेपाल में हेपेटाइटिस-ई का खतरा

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भूकंप से तबाह नेपाल में मानसून के दौरान हेपेटाइटिस-ई फैलने की आशंका जताई है। ब्रिटिश मेडिकल जर्नल लैंसेट की रिपोर्ट में कहा गया है आपदा प्रभावित हजारों लोगों के इससे संक्रमित होने का गंभीर खतरा है। दूषित पानी के कारण फैलने वाली इस महामारी से आने वाले महीनों में 500 गर्भवती महिलाओं की मौत हो सकती है। नेपाल में जुलाई से सितंबर तक मानसून प्रभावी रहता है।

जोंस हॉपकिंग यूनिवर्सिटी के एलियन लेबिक्र ने बताया कि नेपाल में अप्रैल में आए भूकंप से हेपेटाइटिस-ई के संक्रमण का खतरा बढ़ गया है। इस भूकंप में करीब 8,800 लोगों की मौत हो गई थी और 22,000 लोग घायल हुए थे। उन्होंने कहा, ‘भूकंप प्रभावित इलाकों में भारी परेशानियां व्याप्त हैं। बड़ी संख्या में लोग विस्थापित हुए हैं। उनके पास पर्याप्त मात्रा में साफ पानी नहीं है। स्वच्छता सुविधाओं की कमी है। स्वास्थ्य सेवाओं पर अतिरिक्त बोझ की समस्याएं इन इलाकों में व्याप्त हैं।’शोधकर्ताओं के मुताबिक दुनिया में हर साल लगभग दो करोड़ लोग हेपेटाइटिस-ई से संक्रमित होते हैं। इसके वायरस से लीवर संबंधी बीमारियां होती हैं। इसका इलाज जटिल है और लंबे समय तक चलता है।

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