आतंकियों ने सोमवार को शक्तिशाली विस्फोट और गोलीबारी करते हुए अफगानिस्तान की संसद पर हमला किया. हमले के बाद संसद भवन में अफरा-तफरी मच गई और सांसद सुरक्षित स्थान की ओर भागते देखे गए. सभी सात हमलावर मारे गए.यह धमाका उस वक्त हुआ जब रक्षा मंत्री पद के लिए अफगान राष्ट्रपति की ओर से नामांकित प्रतिनिधि के बारे में संसद में परिचय दिया जाना था. यह हमला दो घंटे तक चला और इसमें एक आत्मघाती कार बम हमलावर सहित सातों हमलावर मारे गए.
काबुल में इतने महत्वपूर्ण स्थान पर हुए इस हमले ने नाटो की मदद के बिना तालिबान के खिलाफ अफगान सुरक्षा बलों की लड़ाई के बीच यहां की सुरक्षा को लेकर नए सिरे से सवाल खड़ कर दिए हैं.काबुल पुलिस के प्रवक्ता अब्दुल्ला करीमी ने बताया, ‘‘संसद भवन के निकट मुख्य सड़क पर पहला कार बम विस्फोट हुआ. इसके बाद हमलावर संसद के सामने एक इमारत में दाखिल हो गए.’’
गृह मंत्रालय उप प्रवक्ता नजीब दानिश ने कहा कि कुछ सात हमलावर थे. उन्होंने कहा कि शुरूआती धमाके में करीब 15 नागरिक घायल हो गए.दानिश ने कहा कि हमलावरों ने संसद पर ग्रेनेड भी दागे, हालांकि इससे मामूली नुकसान हुआ.हमले के समय चैम्बर में मौजूद रहे सांसद मोहम्मद रजा खोशक ने पहले विस्फोट के बाद के लम्हे को बयां किया.उन्होंने कहा, ‘‘सत्र चल रहा था और हम रक्षा मंत्री पद के लिए नामित प्रतिनिधि का इंतजार कर रहे थे…अचानक से तेज धमाके की आवाज सुनाई दी. इसके बाद कई दूसरे छोटे विस्फोट भी हुए.’’
सांसद ने कहा, ‘‘कुछ सेकेंड में ही पूरा हॉल धुएं से भर गया और सांसद इमारत से बाहर भागने लगे.’’तालिबान ने अफगान संसद पर हुए इस हमले की जिम्मेदारी ली है. तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्ला मुजाहिद ने ट्वीट किया, ‘‘कई मुजाहिदीन संसद की इमारत में दाखिल हो गए हैं.’’उसने कहा, ‘‘हमला उस वक्त किया गया जब रक्षा मंत्री के बारे में परिचय दिया जा रहा था.’’आतंकवादियों ने अप्रैल के आखिर में राष्ट्रव्यापी स्तर पर हमले शुरू किए थे. उन्होंने सरकार और विदेशी मिशनों को निशाना बनाया है.
तालिबान आतंकवादियों ने अफगानिस्तान के प्रमुख मौलवियों के उस आग्रह को भी दरकिनार कर दिया है कि वे रमजान के महीने में हमले नहीं करें.आत्मघाती हमलावरों के एक समूह ने साल 2012 में संसद पर हमले का प्रयास किया था. उस वक्त उन्होंने कई कूटनीतिक इंक्लेव सहित काबुल के कई हिस्सों में हमले किए थे.