उत्तर प्रदेश का चुनाव कहने को तो सियासी महापर्व के रूप में मनाया जा रहा है। लेकिन इस समय प्रदेश की चुनावी राजनीति में तीन सबसे बड़े दलों की नैया को पार लगाने का जिम्मा राजनीति की तीन देवियों के ऊपर है। इन देवियों में कांग्रेस की रीता बहुगुणा जोशी, भारतीय जनता पार्टी की उमा भारती और बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मैडम माया हैं। इन तीनों पर अपनी पार्टी के लिए एक बड़ी जिम्मेदारी है। अगर बात करे कांग्रेस की तो पार्टी ने इस समय प्रदेश में माया का जवाब देने के लिए रीता का विकल्प ढूंढा है वाही भारतीय जनता पार्टी ने इसका विकल्प उमा भारती के रूप में ढूंढा है। कांग्रेस ने रीता बहुगुणा जोशी को जब प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी पर बैठाया था तभी इस बात का अंदेशा जताया जा रह था की देर सबेर ही सही लेकिन प्रदेश कांग्रेस का चेहरा बन सकती हैं। इसी के परिणाम स्वरुप कांग्रेस ने उनको लखनऊ कैन्टोमेंट से टिकट दे दिया है। वैसे पिछले लोकसभा के चुनाव में उनको आनन फानन में जब चुनाव लडवाया गया था उसके पीछे भी शायद यही कारण था की कही न कहीं उनकी लोकप्रियता का पैमाना मापा जाना था। ये अलग बात है वह चुनाव हार गयी लेकिन उस चुनाव में उन्होंने दस दिन के अन्दर चुनाव लड़ सबको चकित कर दिया और कांग्रेस को एक अच्छा वोट दिलवाया था।
दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी ने अभी आधिकारिक रूप से कोई एलान नहीं किया है लेकिन दबी जबान में उमा भारती को अपनी महिला सी एम प्रोजेक्ट कर सकती है। खबर यह भी है की बी जे पी उनको झाँसी के बबीना क्षेत्र से टिकट दे सकती है। वैसे अभी तक पार्टी ने केवल १४३ नामों की घोषणा की है हो सकता है की आने वाले समय में कुछ चौकाने वाली बातें हो जाय। अगर ऐसा हो गया तो चुनावों के पहले भारतीय जनता पार्टी की ओर से चुनाव के पहले एक नया शिगूफा हो जाएगा। क्योंकि अभी तक एक धड़ कलराज मिश्र को ही सी एम मान कर चुनाव प्रचार कर रहा था। और अभी हाल ही में कलराज मिश्र ने यात्रा भीसंपन्न की थी।
इस चुनावों में तीसरी देवी यानी मैडम माया की अभी राह आसान नहीं लग रही है। क्योंकि अभी एक तरफ से राहुल ने उनकी तरफ हल्लाबोल किया है दूसरी तरफ एक के बाद एक करके उनके मंत्री लोकायुक्त की जाँच में बर्खास्त हो रहे हैं इस लिए आने वाले चुनाव में उनको अभी पूरी तय्यारी करनी बाकी है। अभी आज ही उन्होंने लखनऊ में मुस्लिम, क्षत्रिय, वैश्य सम्मलेन करके अपना शक्ति प्रदर्शन किया है। कांग्रेस महासचिव राहुल के वारो से तिलमिलाई माया ने आज इस सम्मेलन में अपनी भड़ास निकाली। उन्होंने कहा, “कांग्रेस ने राजनीति साजिश के चलते बीजेपी की तरफ नरम रुखकर बीजेपी को मजबूत किया है। आरएसएस व बजरंग दल के कारण देश को बुरा परिणाम भुगतना पड़ा है। अयोध्या कांड इसी का नतीजा है। सांप्रदायिक्ता की आग में देश जल गया है, अनेको दंगे हुये।”
राहुल गाँधी को मिल रहे मुस्लिम समर्थन की काट के लिए माया ने आज मुस्लिम आरक्षण का नया शिगूफा छोड़ दिया। माया ने जोर देकर कहा कि मुस्लिम आरक्षण के लिए राष्ट्रीय नीति बनानी चाहिए। शिक्षा और नौकरी में भी आरक्षण मिलना चाहिए।
लगे हाथ मुख्यमंत्री ने मुलायम सिंह यादव के नेतृत्व वाली सपा सरकार को भी कोसा। माया ने कहा, “सपा शासनकाल में व्यापारियों से गुंडा टैक्स वसूला जाता था। व्यापारियो के लाभ के लिए बसपा सरकार ने वाणिज्यकर के प्रदेश में चल रहे चेकपोस्टो को समाप्त कर दिया और वैट लागू किया जिसका लाभ व्यापारियो को मिला।
वैसे इस चुनाव में क्या होगा ये अभी कहना मुश्किल होगा लेकिन इसके परिप्रेक्ष्य में ये तो कहा जा सकता है की राजनीति की ये तीन देवियाँ इस चुनाव में कुछ न कुछ नया करेंगी। क्योंकि राजनीति में कभी भी कुछ भी हो सकता है।|
—अभिषेक द्विवेदी —
इंडिया हल्ला बोल