शरद पवार ने मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन पर अपना आधिपत्य बरकरार रखते हुए अध्यक्ष पद के चुनाव में अपने प्रतिद्वंद्वी विजय पाटिल को 34 मतों से हराया जबकि पूर्व भारतीय कप्तान दिलीप वेंगसरकर उपाध्यक्ष चुने गये। एमसीए के हर दो वर्ष में होने वाले चुनावों में पवार को कुल 176 और पाटिल को 142 मत मिले। उन्होंने इस तरह से अध्यक्ष पद अपने पास बरकरार रखा है। वह इससे पहले 2001 से 2010 तक लगातार दस साल तक एमसीए के अध्यक्ष रहे थे। उन्हें 2012 में सर्वसम्मति से फिर से अध्यक्ष चुना गया था। पवार के फिर से चुने जाने का मतलब है कि एमसीए के अध्यक्ष पद पर फिर से राजनीतिज्ञ ही काबिज रहेगा।
पिछले दो दशकों में रवि सावंत ने तत्कालीन एमसीए प्रमुख विलासराव देशमुख के निधन के बाद कुछ समय के लिये यह पद संभाला था। सावंत हालांकि इस बार संयुक्त सचिव पद के चुनाव में हार गये। पवार और बाल महादालकर गुट ने छह में से पांच पदों पर जीत दर्ज करके शिवसेना से समर्थन हासिल करने वाले पाटिल के ‘क्रिकेट फर्स्ट‘ ग्रुप को करारी शिकस्त दी। दोनों उपाध्यक्ष पद पवार गुट के पास गये।
वेंगसरकर के अलावा भाजपा विधायक आशीष शेलार को उपाध्यक्ष चुना गया। पूर्व भारतीय तेज गेंदबाज अभय कुरूविला इस पद के लिये पाटिल गुट से उम्मीद्वार थे लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा। पाटिल के गुट को केवल एक सफलता संयुक्त सचिव पद पर मिली।क्रिकेट फर्स्ट ग्रुप के डॉ. उमेश खानविलकर को संयुक्त सचिव चुना गया है। दूसरा संयुक्त सचिव पद डा. पी वी शेट्टी को मिला है जो पहले भी इस पद पर आसीन थे। पूर्व भारतीय सलामी बल्लेबाज लालचंद राजपूत को इस पद पर हार का सामना करना पड़ा।