भारत की टीम पहली बार बांग्लादेश टेस्ट मैच खेलने पहुंची थी। तब बांग्लादेश क्रिकेट के इस बड़े प्रारूप में अपनी पहचान बनाने उतरा था। इस बार नई पहचान बनाने की चाह लिए मैदान पर उतरेंगे बल्लेबाज विराट कोहली, जो पहली बार पूर्णकालिक कप्तान के तौर पर टीम के साथ किसी दौरे पर गए हैं। कोहली और भारतीय क्रिकेट के लिए यह नई शुरुआत है। टीम प्रबंधन और प्रशंसक चाहेंगे कि जिस तरह कोहली ने बल्ले से लगातार रन बनाकर सफलता हासिल की है उसी तरह कप्तानी में भी वह टीम को लगातार जीत दिलाते हुए नए मुकाम तक पहुंचाएं। भारत ने बांग्लादेश के खिलाफ अब तक केवल सात टेस्ट मैच खेले हैं। यह सारे मैच बांग्लादेश की धरती पर ही खेले गए हैं। इनमें से छह में भारत को जीत हासिल हुई है, जबकि एक मैच ड्रॉ छूटा है। लेकिन इन सात टेस्ट मैचों में चार अलग-अलग कप्तानों ने भारतीय टीम की अगुआई की है। अब कोहली पांचवें कप्तान होंगे, जो बांग्लादेश के खिलाफ टीम की अगुआई करेंगे।
भारत ने सौरव गांगुली की अगुआई में बांग्लादेश के खिलाफ सबसे ज्यादा तीन मैच खेले हैं। 2000 से 2004 के बीच खेले इन तीन मैचों में भारत ने जीत हासिल की है। गांगुली के बाद भारतीय टीम राहुल द्रविड़ की कप्तानी में दो बार बांग्लादेश से टकराई है। 2007 में खेले गए दो टेस्ट मैचों की इस द्विपक्षीय सीरीज में चटगांव में खेले पहले मैच को कम रैंकिंग वाली बांग्लादेश ड्रॉ कराने में सफल रही थी। लेकिन ढाका में खेला गया अगला टेस्ट जीतकर भारत सीरीज अपने नाम करने में सफल रहा था। पिछली सीरीज में एमएस धौनी टीम के कप्तान बनकर गए थे, लेकिन चोट की वजह से पहले टेस्ट में वह खेल नहीं सके और वीरेंद्र सहवाग ने कार्यवाहक कप्तान की भूमिका निभाई। भारत वह मैच 113 रन से जीता।