पित्र दोष परभाव एवं उपाय

कुण्डली में सूर्य एवं गुरु ग्रह पिता एवं गुरुजन को प्रतिनिधितव करते है . ऐसे में इन ग्रह के पीड़ित होने पर कुण्डली में पितृ दोष उत्पन्न होता है.

किसी भी व्यक्ति की कुण्डली में राहु, सूर्य और गुरु ग्रहों की युति , दृष्टी एवं राशि परिवर्तन पितृ दोष उत्पन्न करते है . पितृ दोष के कारन जातक को बहुत परेशानीयों उठानी पड़ती है.

१)      कार्य में असफलता

२)      संतान उत्पति में बाधा / संतान हानि

३)      विवाह न होना या विलम्ब विवाह

४)      नौकरी एवं व्यापार में हानि

५)      अपनी सम्पति न बनना

६)      सरकारी पक्ष द्वारा परेशानी आदि

पितृदोष को दैनिक जीवन में कुछ आसान उपाय अपनाकर भी दूर किया जा सकता है। पितृदोष दूर कर हर कोई सुखी, सफल और वैभवशाली जीवन बिता सकता है। यह उपाय श्राद्धपक्ष ही नहीं पूरे वर्ष भर पितरों की प्रसन्नता के लिए किए जा सकते हैं। जानते हैं यह उपाय –

१)      पिता का अपमान न करें और उनको खुश रखें।

२)       हर रोज माता-पिता और गुरु के चरण छूकर आशीर्वाद लेने से पितरों की प्रसन्नता मिलती है।

३)      भोजन से पहले तेल लगी दो रोटी गाय को खिलाएं।

४)       रोज तैयार भोजन में से एक भाग अन्न का निकालकर उसकी पितरों की प्रसन्नता के लिए गाय को दे ।

५)       हर रोज संभव हो तो पक्षियों के खाने-पीने के लिए अन्न के दानें और पानी रखें।

६)       हर शनिवार को पीपल या वट की जड़ों में दूध चढाएं।

७)       श्राद्धपक्ष या वार्षिक श्राद्ध में ब्राह्मणों के लिए तैयार भोजन में पितरों की पसंद का पकवान जरुर बनाएं।

८)      देवता और पितरों की पूजा स्थान पर जल से भरा कलश रखकर सुबह तुलसी या हरे पेड़ों में चढ़ाएं।

९)       पितृ गायत्री का जप करे ।

१०)  किसी तीर्थ पर जाएं तो पितरों के लिए तीन बार अंजलि में जल से तर्पण करना न भूलें।

सिद्धार्थ गौतम

(ज्योतिष संपादक इंडिया हल्ला बोल)

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