क्या वाकई अखिलेश की इतनी तारीफ होनी चाहिए?

यूपी में समाजवादी पार्टी ने सत्ता का महासमर जीत लिया है और इस जीत के नायक बने हैं अखिलेश यादव. छह मार्च को आए चुनाव के नतीजों ने अखिलेश को हीरो बना दिया.
तमाम मीडिया अचानक से उनका मुरीद हो गया. उनकी सादगी और मृदुभाषिता के चर्चे हर चैनल और अखबार की सुर्खियां बने नज़र आने लगे.
कल तक के युवराज राहुल गांधी अचानक से परिदृश्य से गायब हो गए और उनकी जगह ले ली अखिलेश ने. मीडिया के मुताबिक राहुल और प्रियंका का जादू फेल हो गया और अखिलेश का जादू चल गया.
बहुतों ने तो इसकी समीक्षा भी कर डाली है. उनके मुताबिक अखिलेश के कुशल प्रशासन ने सपा को जीत दिला दी. उन समीक्षकों ने ये भी बताया कि अखिलेश इतने ज्यादा सादगी पसंद हैं कि उन्होंने कभी अपने पिता के नाम का इस्तेमाल नहीं किया. वे अपने कॉलेज में अपना असली परिचय नहीं देते थे.
कुछों ने तो उनके हाईटेक तरीकों और गैजेट्स के बारे में भी बताया. ये तक लोगों को बताया गया कि वे बोस की स्पीकर, आई पैड आदि लेकर चलते हैं. यही नहीं कुछों ने तो ये भी बता दिया कि उनको खाने में क्या पसंद है. पूरा मीडिया अखिलेश के रंग में रंग गया. उनकी और डिंपल की प्रेम कहानी को भी हीर-रांझा की प्रेम कहानी बना कर पेश किया गया.
अखिलेश के करिश्मे को सलाम करने के लिए तमाम तरीके के झाम किए जा रहे हैं. मीडिया भी लखनऊ के प्रशासन की तरह मुस्तैद नज़र आ रहा है. कहा जा रहा है कि अखिलेश ने साफ छवि वाले लोगों को टिकट दिया, बाहुबली डीपी यादव को पार्टी में लेने से मना कर दिया, गुंडई पर लगाम लगाई.. इत्यादि.
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क्या वास्तव में अखिलेश के कारण समाजवादी पार्टी को इतनी बड़ी जीत मिली है जैसा कि प्रचारित किया जा रहा है. क्या वास्तव में अखिलेश में इतना ज्यादा जादू है कि उनकी हर बात खबर बन जाए. वर्तमान विधानसभा में सबसे ज्यादा 36 मुकदमों से सुशोभित विधायक मित्रसेन भी सपा के टिकट पर ही जीते हैं.
पश्चिमी यूपी के कुख्यात बाहुबली गुड्डू पंडित भी उन्हीं की पार्टी से विधायक हैं. गुड्डू के भाई भी सपा के टिकट पर विधायक हैं. इसके अलावा 18 मुकदमों में आरोपी अभय भी सपा के प्रतिनिधि के रूप में गोसाईगंज सीट से विधानसभा में पहुंच चुके हैं. जसराना सीट से सपा विधायक रामवीर सिंह पर 18 मुकदमे चल रहे हैं. राजा भैया और सपा के बीच की नजदीकी भी किसी से छुपी नहीं है.
समाजवादी पार्टी की ओर से करीब 59 फीसदी लोग करोड़पति हैसियत वाले थे. एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक सपा विधायकों की औसत सम्पत्ति दो करोड़ 52 लाख रुपए है.
सैदपुर (सुरक्षित) सीट से सपा विधायक सुभाष ने वर्ष 2007 में दाखिल चुनाव नामांकन में अपनी सम्पत्ति चार करोड़ 70 लाख रुपए घोषित की थी जो पांच वर्षों के दौरान बढ़कर 35 करोड़ 32 लाख रुपए हो गई.
वरुण कुमार

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