“लातों के भूत बातों से नहीं मानते”

पता नहीं क्यों लेकिन पाकिस्तान की एक – एक हरकत में उसका दोहरा चरित्र और हिंदुस्तान के प्रति नफरत ही झलकती है…जो किसी भी हिंदुस्तानी का खून खौलाने के लिए काफी है।पाकिस्तान आज भले ही हिंदुस्तानियोंकी नजर में भारत का दुश्मन नंबर एक हो लेकिन इस बात को नहीं नकारा जा सकता कि पाकिस्तान का जन्म हिंदुस्तान के गर्भ से ही हुआ था।

पाकिस्तान की नसों में हिंदुस्तान के प्रति इतना जहर किसने भरा..? क्या ये पाकिस्तान में बैठे भारत के दुश्मन हैं या फिर पाकिस्तान में बैठे पाकिस्तान के ही दुश्मन हैं..? ये अपने आप में बड़ा सवाल है लेकिन इसका जवाब बहुत सीधा सा है कि ये लोग न तो भारत के दुश्मन हैं और न ही पाकिस्तान के दुश्मन हैं..! ये लोग अमन के दुश्मन हैं जो पाकिस्तानी हुकमुरानों की नसों में रह रहकर भारत के खिलाफ नफरत का जहर भरते रहते हैं। ये अमन के दुश्मन कभी नहीं चाहते कि पाकिस्तान और भारत के संबंध मधुर हों और शायद जब जब ऐसी कोई कोशिश भारत की तरफ से की जाती है…तो यही अमन के दुश्मन किसी न किसी ऐसा नापाक हरकत को अंजाम दे देते हैं कि दोनों देशों की बीच की जो खाई इन्होंने तैयार की है वह और चौड़ी हो जाती है।

1947 के बाद से ही लगातार कई बार पाकिस्तान ने अपनी नापाक हरकतों से जाहिर कर दिया कि पाकिस्तान के साथ अमन की उम्मीद करना बेमानी है लेकिन भारत सरकार ने इसके बाद भी आजादी के बाद से ही लगातार अमन की उम्मीदों के दीए जो जलाए रखा लेकिन पाकिस्तान ने हर बार सिर्फ पीठ पर वार ही किया है। पाकिस्तान की नापाक हरकतें इस कहावत को चरितार्थ करती है कि लातों के भूत बातों से नहीं मानते यानि कि बर्दाश्त की हद से बाहर निकलकर अब वक्त आ गया है कि पाकिस्तान को उसकी भाषा में सबक सिखाया जाए। ज्यादा नहीं तो कम से कम जिस – जिस पोस्ट पर पाकिस्तानी सैनिक सीजफायर का उल्लंघन करें उस पोस्ट को नेस्तानाबूद कर पाकिस्तान को सबक सिखाया जाए कि हिंदुस्तानी सैनिकों की बंदूकों और तोपों में भी असली गोला बारूद भरा है।

घटना के बाद पाकिस्तान का इस घटना अंजाम देने से इंकार करना उसकी पुरानी फितरत है…ऐसे में भारत को पाकिस्तान कीबातों पर विश्वास कभी नहीं करना चाहिए। सीमा पर सैनिकों के साथ बर्बरता को शरारती तत्वों की हरकतें मानकर इसेनजरअंदाज करना न सिर्फ शहीदों का बल्कि पूरी भारतीय सेना और देश की आवाम का भी अपमान होगा। पाकिस्तान को न सिर्फ जैसे को तैसे की तर्ज पर सबक सिखाया जाना चाहिए बल्कि भारत को पाकिस्तान के साथ सभी प्रकार के कूटनीतिक संबंध भी खत्म कर देने चाहिए ताकि पाकिस्तान को ये एहसास हो कि भारत अपना और अपने वीर सैनिकों का अपमान कभी बर्दाश्त नहीं कर सकता चाहे इसके लिए उसे अपने पड़ोसी से सभी मोर्चों पर मुंह क्यों न फेरना पड़े।

पाकिस्तान के साथ ये सब इसलिए भी जरूरी है क्योंकि पाकिस्तान ने शांति वार्ता को हमेशा भारत की कमजोरी समझा है और जब – जब भारत ने अमन की उम्मीद को शांती के दीपों से रोशन करने की कोशिश की है तब तब पाकिस्तान ने कभी सीमा पर अपने सैनिकों के जरिए तो कभी आतंक के सौदागरों के जरिए भारत में खून की होली खेलकर भारत के कई परिवारों को कभी न खत्म होने वाले अंधेरे में धकेलने का काम किया है…ऐसे पाकिस्तान से अमन और शांती की उम्मीद करना बेमानी ही होगी।

दीपक तिवारी

पत्रकार

Check Also

जानिये भारतीय शिक्षा पद्ति कैसे देश की संस्कृति और संस्कारों का हनन कर रही है।

भागवत कथा वाचक श्री देवकीननदन ठाकुर जी महाराज ने देश में एक नया मुद्दा उठा …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *