पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की हालत में सुधार हो रहा है। बुधवार को शाम 4 बजे जारी मेडिकल बुलेटिन के दौरान डॉक्टरों ने कहा कि पिछले 48 घंटों के दौरान उनकी हालत काफी बेहतर हुई है। किडनी, हृदय गति, ब्लड प्रेशर सभी नॉर्मल है। डॉक्टरों ने उम्मीद जताई कि अगले कुछ दिनों में वाजपेयीजी पूरी तरह स्वस्थ हो जाएंगे और उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी जाएगी।
यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी उनका हाल जानने पहुंचे। वाजपेयीजी को 11 जून को एम्स में भर्ती किया गया था।वाजपेयीजी को 11 जून को यूरिन में इंफेक्शन के चलते दिल्ली के एम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया था। पहले बताया जा रहा था कि उन्हें रुटीन चेकअप के लिए लाया गया है।
पूर्व प्रधानमंत्री से मिलने के लिए नरेंद्र मोदी, राहुल गांधी, अमित शाह राजनाथ सिंह, लालकृष्ण आडवाणी, विजय गोयल समेत कई केंद्रीय मंत्री पहुंचे थे।वाजपेयीजी की तस्वीर पिछली बार 2015 में सामने आई थी। तब तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने प्रोटोकॉल तोड़ते हुए वाजपेयी को घर जाकर भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया था।
वाजपेयी सबसे पहले 1996 में 13 दिन के लिए प्रधानमंत्री बने। बहुमत साबित नहीं कर पाने की वजह से उन्हें इस्तीफा देना पड़ा।दूसरी बार वे 1998 में प्रधानमंत्री बने। सहयोगी पार्टियों के समर्थन वापस लेने की वजह से 13 महीने बाद 1999 में फिर आम चुनाव हुए।13 अक्टूबर 1999 को वे तीसरी बार प्रधानमंत्री बने। इस बार उन्होंने 2004 तक अपना कार्यकाल पूरा किया।
अटल बिहारी वाजपेयी ने 2005 में मुंबई में एक रैली में ऐलान कर दिया कि वे सक्रिय राजनीति से संन्यास ले रहे हैं और लालकृष्ण अाडवाणी और प्रमोद महाजन को बागडोर सौंप रहे हैं।उस वक्त प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा था कि वाजपेयी मौजूदा राजनीति के भीष्म पितामह हैं।
2009 में वाजपेयी की तबीयत बिगड़ गई। उन्हें सांस लेने में दिक्कत के बाद कई दिन वेंटिलेटर पर रखा गया। हालांकि, बाद में वे ठीक हो गए और उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।बाद में कहा गया कि वाजपेयी लकवे के शिकार हैं। इस वजह से वे किसी से बोलते नहीं हैं। बाद में उन्हें स्मृति लोप भी हो गया। उन्होंने लोगों को पहचानना भी बंद कर दिया।