कांग्रेस मुक्त भारत का मतलब किसी राजनीतिक दल तक सीमित नहीं है : मोदी

प्रधानमंत्री नरेेंद्र मोदी ने कहा कि कांग्रेस मुक्त भारत का मतलब किसी राजनीतिक दल तक सीमित नहीं है। प्रधानमंत्री ने कहा कि ये उस संस्कृति से मुक्ति की बात है, जिसमें जातिवाद-परिवारवाद और भ्रष्टाचार जैसी चीजें हैं। प्रधानमंत्री ने ये बातें एक न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में कहीं। इस दौरान मोदी ने ट्रिपल तलाक, चुनावों, आतंकवाद पर भी बात की।

इंटरव्यू में नरेंद्र मोदी ने कहा हमारे देश में राजनीति की मुख्य धारा कांग्रेस रही है। मैं जब कांग्रेस मुक्त भारत की बात करता हूं तो ये संगठन, किसी पॉलिटिकल पार्टी तक सीमित नहीं रहता। कांग्रेस एक कल्चर के रूप में देश में फैला हुआ है। आजादी के पहले भी कांग्रेस का कल्चर था, जिसने जवानों को देश के लिए मरने-मिटने के लिए तैयार किया।

आजादी के बाद जातिवाद, परिवारवाद, भ्रष्टाचारी शिष्टाचार, धोखा देना, सत्ता को दबोचकर रखना राजनीतिक कल्चर का हिस्सा बन गए और इसकी मुख्यधारा कांग्रेस थी। कांग्रेस के लोग भी कहते हैं कि कांग्रेस एक सोच है। मैं उस सोच की ही बात करता हूं। मैं जब कांग्रेस मुक्त कहता हूं तो ये कहता हूं कि खुद कांग्रेस पार्टी भी कांग्रेस के कल्चर से मुक्त हो जाए। मैं उन बुराइयों से मुक्ति के पक्ष में हूं।

देश की राजनीतिक दलों, उनके चरित्र और आने वाली पीढ़ियों को इससे बचाना होगा। कांग्रेस मुक्त भारत, केवल कांग्रेस पार्टी तक सीमित नहीं है। कांग्रेस मुक्त भारत शब्द कल्चर के लिए दिया, कांग्रेस को भी कांग्रेस मुक्त करना होगा। मैं कल्चर की बात कर रहा हूं।ट्रिपल तलाक बिल के राज्यसभा में अटकने पर मोदी ने कहा दल से बड़ा देश होता है।

मैं ये मानता हूं कि राजीव गांधी के जमाने में कांग्रेस जो गलती कर चुकी थी, उससे वो सबक सीखी होगी। दुनिया के इस्लामिक देशों ने भी कानून बदले हैं। ट्रिपल तलाक पर कानून के बारे में कांग्रेस या वोटबैंक की राजनीति करने वाले दल नारी सम्मान, महिला सशक्तिकरण के भाव से सोचेंगे। कांग्रेस इस अच्छे सामाजिक काम को क्यों नहीं समझ पाई, ये चिंता का विषय है।

मुस्लिम महिलाओं को हक देने के लिए ये कदम उठाया गया, इसे अगर नहीं समझ पाए वो लोग तो पीड़ा होती है कि राजनीति कितनी नीचे चली गई। क्या सत्ता की इतनी बड़ी भूख है कि निर्दोष माताओं-बहनों को पीड़ा होते देखते रहेंगे। गरीब मुस्लिम बहनों की रक्षा के काम में भी ऐसा किया। हो सकता है कि भीतर उन्हें पीड़ा होती हो, लेकिन सत्ता की भूख ने उन्हें मजबूर कर दिया हो।’

सुप्रीम कोर्ट के सीनियर जजों और चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया के मसले पर पीएम ने कहा मैं मानता हूं कि मुझे इस पूरे विवाद से खुद को दूर रखना चाहिए। सरकार को और देश के राजनीतिक दलों को भी दूर रहना चाहिए। हमारे देश की ज्यूडिशियरी का उज्ज्वल इतिहास है। वे लोग मिलबैठकर अपने मसलों को सुलझा लेंगे।

मोदी से पूछा गया कि इस मसले पर अपोजिशन प्रधानमंत्री पर आरोप लगा रहा है। मोदी ने कहा विरोधियों को भरपूर कोशिश करनी चाहिए मोदी को खत्म करने के लिए, मेरी शुभकामनाएं हैं। जिस रास्तों पर वे लोग चले हैं, उनके उन्हीं कारणों ने मुझे यहां पहुंचाया है।

सवाल किया गया कि राष्ट्रगान गाने और उसके सम्मान में खड़े होने जैसा मुद्दा भी न्यायपालिका में जा रहा है, इस पर आप क्या कहेंगे?प्रधानमंत्री ने कहा न्यायपालिका में कोई मसला ले जाएगा तो वो कैसे मना कर सकती है। जो इस पर सवाल पूछते हैं, उनसे सवाल किया जाना चाहिए।

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