धरने के बाद सोनभद्र घटना के पीड़ित परिवारों के कुछ लोगों से मिलीं प्रियंका गांधी

उत्तर प्रदेश के सोनभद्र नरसंहार में 10 लोगों की मौत के बाद मामले ने अब राजनीतिक रूप ले लिया है. नरसंहार के तीन दिन बाद कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी सोनभद्र जाने के लिए रवाना हुईं, लेकिन उन्हें बीच रास्ते में ही रोककर हिरासत में ले लिया गया और मिर्जापुर जिले के चुनार गेस्टहाउस में ठहराया, जहां उन्होंने अपने कार्यकर्ताओं के साथ रातभर धरना प्रदर्शन किया.

उन्होंने एक बार फिर से वहीं बात दोहराई और प्रियंका ने जमानत के लिए पर्सनल बॉन्ड देने से इनकार कर दिया, जिसके बाद प्रशासन ने 24 घंटे बाद प्रियंका गांधी को सोनभद्र घटना के पीड़ितों से मिलवाया.

प्रियंका गांधी वाड्रा ने पुलिस प्रशासन पर आरोप लगाया कि पीड़ित परिवारों को मेरे से मिलने से रोका जा रहा है. उन्होंने कहा कि प्रसाशन पीड़ित परिवारों को गेस्ट हाउस में अंदर नहीं आने दे रहा है.

उन्होंने कहा कि सोनभद्र नरसंहार के पीड़ितों के परिवार को दो सदस्यों से मेरी मुलाकात हुई हैं, जबकि 15 और लोग मेरे से यहां मिलने आए थे, लेकिन प्रशासन ने मेरी न तो उनसे मुलाकात कराई और न ही उनसे मिलने की अनुमति दी गई.

योगी सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि भगवान जानें उनकी मानसिकता क्या है. योगी सरकार पर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि पीड़ित परिवारों से मुझे मिलाने में इतनी देरी क्यों की गई? क्यों प्रशासन ने  इन पीड़ितों की तुरंत मदद नहीं की?

उन्होंने फिर वहीं बात दोहराई की सभी पीड़ित परिवारों से मिले बिना वह वापस यहां से नहीं जाएंगीं. पीड़ित परिवारों के दो लोगों से मिलने के बाद प्रियंका गांधी वाड्रा अपने समर्थकों के साथ एक बार फिर से धरने पर बैठ गई हैं. उन्होंने कहा एक बार फिर से दोहराया कि जब तक मैं सभी पीड़ित परिवारों से नहीं मिल लेती, मैं कहीं नहीं जाऊंगी.

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