पाकिस्तान ने मुंबई अटैक से जुड़े चीफ प्रॉसिक्यूटर को हटाया

पाकिस्तान सरकार ने 26 नवंबर 2008 को मुंबई पर हुए आतंकी हमले की सुुनवाई से जुड़े चीफ प्रॉसिक्यूटर चौधरी अजहर को हटा दिया है। सूत्रों के मुताबिक, सरकार का इस मामले में अपना खास नजरिया था, जिसे मानने से चौधरी ने इनकार कर दिया था। अजहर फेडरल इन्वेस्टिगेटिव एजेंसी (एफआईए) के स्पेशल प्रॉसिक्यूटर थे और 2009 से इस केस से जुड़े थे।

बता दें लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकवादियों ने 2008 में कराची से मुंबई आकर आतंकी हमले को अंजाम दिया था। इस हमले में 166 लोगों की मौत हुई थी, जबकि 300 से अधिक घायल हुए थे।एफआईए के अधिकारी ने बताया अजहर से कहा गया है कि मुंबई अटैक मामले में उनकी सेवाओं की अब जरूरत नहीं है।

अजहर को केवल मुंबई अटैक केस से हटाया गया है। वे बेनजीर भुट्‌टों के हत्याकांड मामले में अपनी सेवाएं देते रहेंगे। जिस तरह से ये केस चल रहा था उसे लेकर अजहर और सरकार के बीच मतभेद पैदा हो गए थे।सूत्र ने बताया कि अजहर इस हाईप्रोफाइल मामले को देश के कानून के मुताबिक इस केस पर काम करना चाहते थे।

लेकिन, इस पर सरकार का खास नजरिया था, जो अजहर के विचार से मेल नहीं खा रहा था। वे सरकार के निर्देश पर नहीं चल रहे थे।अजहर से संपर्क करने पर उन्होंने मुंबई अटैक केस से उनके अलग होने की पुष्टि की और कहा मैं अब इस केस से नहीं जुड़ा हूं। उन्होंने इससे ज्यादा कुछ भी नहीं कहा।

पाक गृह मंत्रालय के अधिकारी ने कहा, ये एक रूटीन कार्रवाई है। मुझे इस मामले की वजह जानने के लिए संबंधित विभाग के अधिकारियों से बात करनी होगी।एक सीनियर वकील ने कहा एंटी-टेररिज्म कोर्ट में ये केस 2009 से चल रहा है। एटीसी कोर्ट में कोई भी केस इतने लंबे वक्त तक नहीं चला। मैंने ऐसा कोई केस नहीं देखा।

एटीसी में तेजी से सुनवाई की जाती है, लेकिन मुंबई हमले के केस को देखकर लगता है कि सरकार किसी जल्दबाजी में नहीं है। इसकी वजह ये भी है कि ये मसला भारत से जुड़ा है। अगर अधिकारी इसे लेकर गंभीर होते तो कई साल पहले इसका फैसला हो जाता।

जकीउर रहमान लखवी, अब्दुल वाजिद, मजहर इकबाल, हमद अमीन सादिक, शाहिद जमील रियाज, जमील अहमद और यूनिस अंजुम पर हत्या, हत्या की कोशिश और मुंबई हमले की साजिश रचने का आरोप है। इनमें से लखवी को तीन साल पहले बेल दे दी गई थी, वो पाकिस्तान में ही रह रहा है, लेकिन उसकी लोकेशन जाहिर नहीं की गई है।

इस बात की रिपोर्ट्स हैं कि 10 महीने पहले लखवी लाहौर आया था और जमात-उद-दावा के मुख्यालय में हाफिज सईद से मुलाकात की थी।मुंबई हमले को 10 लश्कर आतंकियों ने अंजाम दिया था। इस हमले के दौरान 9 आतंकियों को मार गिराया गया था। एक आतंकी अजमल कसाब को 21 नंवबर 2012 को फांसी दे दी गई थी।

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