एनडीए सरकार ने कहा है कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस की मौत प्लेन क्रैश में ही हुई थी। हालांकि, ये भी कहा गया है कि ये जवाब 2006 (तब यूपीए सरकार थी) की जानकारी के आधार पर दिया गया और अगर इस मामले में नए जानकारी या तथ्य सामने आते हैं तो उनकी जांच की जाएगी। ममता बनर्जी और नेताजी के पोते चंद्रा बोस (जो अब बीजेपी में हैं) ने केंद्र के रवैये की आलोचना की है।
कोलकाता के रहने वाले एक शख्स ने RTI में होम मिनिस्ट्री से नेताजी की मौत की वजह पर जानकारी मांगी। जवाब में होम मिनिस्ट्री ने कहा- सरकार, इस नतीजे पर पहुंची है कि नेताजी की मौत 18 अगस्त 1945 को प्लेन क्रैश में हुई थी। सरकार ने ये जवाब शाहनवाज कमेटी, जस्टिस जीडी खोसला कमीशन और जस्टिस मुखर्जी कमीशन की जांच रिपोर्ट के आधार पर दिया।
सरकार के इस जवाब का बीजेपी की पश्चिम बंगाल यूनिट ने भी विरोध किया। नेताजी के पोते चंद्रा बोस अब बीजेपी में हैं। उन्होंने कहा- नेताजी कैसे गायब हुए, इसकी जांच एक स्पेशल टीम से कराई जानी चाहिए। केंद्र सरकार को उस गैरजिम्मेदार अफसर पर फौरन एक्शन लेना चाहिए जिसने आरटीआई का ये जवाब दिया है।
चंद्रा ने कहा- नेताजी की मौत के बारे में सरकार बिना किसी ठोस सबूत के इस तरह के नतीजे पर कैसे पहुंच सकती है?ममता बनर्जी ने कहा- नरेंद्र मोदी इस पर सफाई दें। आखिर, सरकार एकतरफा जवाब कैसे जारी कर सकती है। ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक ने कहा- सरकार का जवाब देश को गुमराह करने जैसा वाला है। बता दें कि नेताजी ने 1939 में फॉरवर्ड ब्लॉक की स्थापना की थी।
कांग्रेस ने कहा- सरकार इतिहास को नए सिरे से लिखने की कोशिश कर रही है।आरटीआई जवाब के बाद उठे विवाद के बीच होम मिनिस्ट्री के स्पोक्सपर्सन ने कहा- 2006 में ये मान लिया गया था कि नेताजी की मौत हो चुकी है। आरटीआई का जवाब इसी आधार पर दिया गया है।