मोदी की 142 रैलियों से भाजपा 107 सीटों पर जीती और राहुल की 129 रैलियों से कांग्रेस सिर्फ 15 सीटों पर जीती

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा चुनाव में प्रचार के लिए 50 दिन में 142 रैलियां और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने 67 दिन में 129 रैलियां कीं। मोदी ने सबसे ज्यादा 31 रैलियां उत्तरप्रदेश और 17 रैलियां पश्चिम बंगाल में कीं। राहुल ने मध्यप्रदेश में 18 और उत्तरप्रदेश में 17 रैलियों को संबोधित किया।

मोदी ने रैलियों के जरिए जिन सीटों को कवर किया, उनमें से 107 सीटों पर भाजपा जबकि 7 सीटों पर एनडीए गठबंधन जीत गया। पिछली बार भाजपा ने इनमें से 92 सीटें जीती थीं। राहुल ने इस बार 129 रैलियों के जरिए जिन 120 सीटों को कवर किया, उनमें से कांग्रेस सिर्फ 15 सीट ही जीत सकी।

पिछली बार कांग्रेस ने इन 120 में से से 22 सीटें जीती थीं।मोदी ने मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, बिहार, राजस्थान, पश्चिम बंगाल में 75 रैलियां कीं। इन पांचों राज्यों में भाजपा ने 53 सीटें जीत लीं। जबकि, राहुल ने जिन 5 राज्य- मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, राजस्थान, केरल और कर्नाटक में 64 रैलियां कीं और कांग्रेस यहां पर 6 सीटें ही जीत सकी।

10 मार्च को आचार संहिता लागू होने के अगले ही दिन 11 मार्च से राहुल गांधी ने चुनाव प्रचार शुरू कर दिया था। राहुल ने दिल्ली से प्रचार शुरू किया और आखिरी रैली हिमाचल प्रदेश के शिमला में की। राहुल ने 67 दिनों में 1,23,466 किमी का सफर तय किया और 26 राज्य कवर किए।

मोदी ने 28 मार्च से मेरठ से प्रचार शुरू किया और आखिरी रैली 17 मई को मध्यप्रदेश के खरगोन में की। इस दौरान मोदी ने 27 राज्यों को कवर किया और 1,33,329 किमी का सफर तय किया। मोदी ने अपने चुनाव प्रचार के दौरान सबसे ज्यादा 31 रैलियां उत्तर प्रदेश में कीं।

ऐसा इसलिए क्योंकि 2014 के चुनाव में भाजपा गठबंधन ने यहां की 80 में से 73 सीटें जीती थीं। खुद प्रधानमंत्री मोदी वाराणसी से दूसरी बार चुनावी मैदान में उतरे। उत्तर प्रदेश के बाद मोदी ने पश्चिम बंगाल में सबसे ज्यादा 17 रैलियां कीं।

इसका कारण यह है कि इस बार भाजपा ने पश्चिम बंगाल में 23 सीटें जीतने का लक्ष्य रखा था।राहुल गांधी ने मध्यप्रदेश में सबसे ज्यादा 18 रैलियां कीं। कांग्रेस ने यहां 15 साल बाद सत्ता में वापसी की है। पिछली बार के आम चुनाव में कांग्रेस यहां से सिर्फ दो सीट- गुना और छिंदवाड़ा ही जीत पाई थी।

इस बार प्रदेश में सरकार बनने पर कांग्रेस को अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद है। राहुल ने उत्तरप्रदेश में 12 रैलियां कीं। इनमें से दो-दो बार अमेठी और रायबरेली में रैली की। अमेठी से खुद राहुल, जबकि रायबरेली से उनकी मां सोनिया गांधी ने चुनाव लड़ा।

इन दो राज्यों के अलावा राहुल ने राजस्थान में भी 12 रैलियां कीं और इसका कारण भी यही है कि हाल ही में यहां पर कांग्रेस की सरकार बनी है। पिछली बार के आम चुनाव में कांग्रेस यहां से एक भी सीट नहीं जीत पाई थी।

मोदी ने 2014 में 140 लोकसभा सीटों को रैलियों के जरिए कवर किया था। इसमें से भाजपा ने 92 सीटों पर जीत दर्ज की थी। इनमें से 66 नई सीटें भाजपा ने जीती थीं, जबकि वह अपनी 26 पुरानी सीटें बचाने में कामयाब रही थी।

मोदी ने जहां रैलियां की थीं, वहां कांग्रेस सिर्फ 9 सीटें ही जीत पाई थी।राहुल गांधी ने 2014 में 105 लोकसभा सीटों पर रैलियां की थीं। इसमें से कांग्रेस सिर्फ 20 सीटें ही जीत पाई थी, जबकि भाजपा ने वहां 64 सीटें जीत ली थीं।

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