हरियाणा में पहली बार सभी 10 सीटों पर जीती बीजेपी

लोकसभा चुनाव में हरियाणा की सभी दस सीटों पर भाजपा ने पहली बार प्रदेश में कमल खिलाया है। हरियाणा बनने के बाद ज्यादातर चुनाव में अपना दबदबा बनाए रखने वाली कांग्रेस क्लीन स्वीप हो गई है।

सबसे रोचक मुकाबला पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंंद्र सिंह हुड्‌डा के बेटे दीपेंद्र सिंह हुड्‌डा (कांग्रेस) और भाजपा प्रत्याशी अरविंद कुमार शर्मा के बीच रहा। अंत तक यह सीट फंसी रही। रात करीब 4 बजे अरविंद कुमार शर्मा को 7503 मतों से विजयी घोषित किया गया।

सोनीपत में भाजपा के रमेश कौशिक ने कांग्रेस के दिग्गज नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा को 1,64,864 वोट से हराया है।

हिसार में भाजपा के बृजेंद्र सिंह ने 3,14,068 वोट से जजपा के दुष्यंत चौटाला को हराया।

गुड़गांव में भाजपा के राव इंद्रजीत ने कांग्रेस के कैप्टन अजय यादव को 3,86,256 मतों से मात दी।

करनाल में भाजपा के संजय भाटिया ने 6 लाख 56 हजार 142 वोट से कांग्रेस के कुलदीप शर्मा को हराया है।

कुरुक्षेत्र में भाजपा के नायब सिंह सैनी ने 3 लाख 84 हजार 591 वोट से कांग्रेस के निर्मल सिंह को मात दी।

सिरसा में भाजपा की सुनीता दुग्गल ने कांग्रेस के अशोक तंवर को 3 लाख 9 हजार 918 वोट से हराया है।

हिसार में दुष्यंत चौटाला ने हार स्वीकार करते हुए भाजपा के बृजेंद्र सिंह को बधाई दी।

हिसार में भव्य बिश्नोई दिखे दुखी, वे मतगणना केंद्र से निकलते हुए बोले कि मोदी की लहर है। लोगों ने विकास को नहीं झूठ को वोट दिया है।

भारतीय जनता पार्टी 2014 में 7 सीटें जीती थी। इस बार इनमें से 5 प्रत्याशियों को दोबारा मैदान में उतारा गया है। अम्बाला सीट पर रत्नलाल कटारिया, सोनीपत सीट पर रमेश कौशिक, गुरुग्राम में राव इंद्रजीत, फरीदाबाद में कृष्ण पाल गुज्जर, भिवानी धर्मबीर को दौबारा यहीं से टिकट दी गई है।

कुरुक्षेत्र से सांसद राजकुमार सैनी ने पार्टी से किनारा कर लिया, उन्होंने अपनी लोकतंत्र सुरक्षा पार्टी बना ली। करनाल से सांसद अश्विनी चौपड़ा स्वास्थ्य कारणों से चुनाव नहीं लड़े। वहीं रोहतक से चौथी बार दीपेंद्र हुड्डा मैदान में हैं। वे यहां से लगातार चौथी बार चुनाव लड़ रहे हैं, इसमें एक बार का उपचुनाव भी शामिल है।

हिसार से इनेलो के सांसद दुष्यंत चौटाला ने अपनी पार्टी बना ली है, वे जजपा से चुनाव मैदान में हैं। सिरसा सीट पर इनेलो के सांसद चरणजीत सिंह रोडी फिर से चुनाव लड़े।इस बार चुनावी हार-जीत आगामी विधानसभा चुनाव का रास्ता तय करेगी, जो सितंबर 2019 में होने हैं। फिलहाल भाजपा की मनोहर सरकार सत्ता में है।

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