ललित मोदी के पक्ष में दिए गए हलफनामे में राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के हस्ताक्षर की पुष्टि ने भाजपा और मोदी सरकार की मुसीबतें काफी बढ़ा दी है। इस बीच समझा जाता है कि केंद्रीय नेतृत्व को दी गई सफाई में वसुंधरा ने हलफनामे में अपने हस्ताक्षर की बात तो स्वीकारी है, मगर यह भी कहा है कि उनके वकील इन कागजातों की सत्यता जांचेंगे। वसुंधरा राजे ने यह माना है कि चिट्ठी में दस्तखत उन्हीं के हैं।
जिस समय चिट्ठी लिखी गई उस समय वसुंधरा राजस्थान की सीएम नहीं थी। ललित मोदी के लिए गवाह बनने पर वसुंधरा ने सहमति जताई थी। इस बीच वसुंधरा के इस्तीफे को लेकर भाजपा में मतभेद गहरा गए हैं। भाजपा का एक गुट इस्तीफे के पक्ष में है लेकिन दूसरा गुट नहीं चाहता कि वसुंधरा इस मुद्दे पर इस्तीफा दें।