चारा घोटाला से जुड़े दुमका ट्रेजरी केस में सीबीआई की स्पेशल कोर्ट आज फैसला सुना सकती है। इसमें बिहार के दो पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव और डॉ. जगन्नाथ मिश्र समेत 31 आरोपी हैं। कोर्ट ने 5 मार्च को सुनवाई पूरी कर ली थी। लालू पर चारा घोटाले के 6 मामले दर्ज हैं। तीन में सजा सुनाई जा चुकी है। वे फिलहाल रांची की बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल में बंद हैं।
दुमका ट्रेजरी से दिसंबर 1995 से जनवरी 1996 के बीच गैरकानूनी तरीके से 3.76 करोड़ रुपए निकाले गए थे। इस मामले में सीबीआई ने 11 अप्रैल 1996 को 48 आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। 11 मई 2000 को पहली चार्जशीट दायर की गई।दुमका ट्रेजरी मामले में लालू प्रसाद यादव, पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. जगन्नाथ मिश्र, पूर्व सांसद डॉ. आरके राणा, जगदीश शर्मा समेत 31 आरोपी हैं।
जनवरी 1996 में करीब 950 करोड़ रुपए का चारा घोटाला पहली बार सामने आया था।इसके तहत 1990 के दशक में चारा सप्लाई के नाम पर सरकारी ट्रेजरी से ऐसी कंपनियों को पैसे जारी किए गए जो थी ही नहीं।घोटाला हुआ तब लालू बिहार के मुख्यमंत्री थे। उनके पास वित्त मंत्रालय भी था।
आरोप है कि उन्होंने पद का दुरुपयोग करते हुए मामले की जांच के लिए आई फाइल को 5 जुलाई 1994 से 1 फरवरी 1996 तक अटकाए रखा। 2 फरवरी 1996 को जांच का आदेश दिया।1997 में लालू को पहली बार ज्यूडिशियल कस्टडी में लिया गया था। वे 137 दिन जेल में रहे थे और राबड़ी देवी बिहार की सीएम बनी थीं। 12 दिसंबर 1997 को लालू रिहा हुए थे।
दूसरी बार लालू 28 अक्टूबर 1998 को पटना के बेऊर जेल गए। बाद में उन्हें जमानत मिली। इसी मामले में लालू को 28 नवंबर 2000 में एक दिन के लिए जेल जाना पड़ा था।चारा के नाम पर चाईबासा ट्रेजरी से 37 करोड़ रुपए के गबन का दोषी पाए जाने के बाद लालू को 2013 में भी जेल जाना पड़ा था। तब वे दो महीने रांची जेल में रहे थे।
25 लाख रुपए का जुर्माना भी लगा था। उसी साल दिसंबर में सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी थी।चारा घोटाले के डोरंडा ट्रेजरी केस में भी सुनवाई चल रही है। इसके लिए लालू जेल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट में हाजिरी देते हैं। चारा घोटाले का छठा केस भागलपुर ट्रेजरी से जुड़ा है। इस केस की सुनवाई पटना की सीबीआई स्पेशल कोर्ट में चल रही है।