आंदोलन के लिए 15 जून को जंतर-मंतर पर इकट्ठा होंगे किसान

किसान नेता शिवकुमार ने 15 जून को जंतर-मंतर से राष्ट्रव्यापी आंदोलन की शुरुआत की जाएगी। इसमें मप्र के अलावा पंजाब, हरियाणा और दूसरे राज्यों से हजारों किसान शामिल होंगे। उन्होेंने कहा मप्र सरकार किसानों के दमन पर उतारू है। हम तो शांतिपूर्ण आंदोलन करना चाहते थे, लेकिन सरकार ने मंदसौर में किसानों पर गोलियां चलवाकर ठीक नहीं किया।

इस आंदोलन के मद्देनजर 16 जून को दोपहर 12 से 3 बजे तक सभी राजमार्ग बंद रहेंगे। बता दें कि मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार से यहां BHEL दशहरा मैदान पर अनिश्चितकालीन उपवास शुरू कर दिया। उन्होंने किसानों को समस्याओं पर चर्चा के लिए खुला न्योता दिया। शर्मा ने कहा मोदी सरकार को पूंजीपतियों की सरकार है और आंदोलन को भड़काने में उसका ही हाथ है।

आंदोलन की शुरुआत से लेकर अब तक 12 किसान शहीद हो चुके हैं, लेकिन मप्र सरकार के मंत्री सिर्फ बयानबाजी ही कर रहे हैं।पुलिस ने किसानों के हाथ-पैर नहीं, बल्कि किसानों के सीने पर गोली मारी है। एमपी के सीएम पर हत्या का केस दर्ज किया जाना चाहिए। मप्र की सरकार को बर्खास्त कर वहां राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया जाना चाहिए।

शनिवार को भुवनेश्वर में एग्रीकल्चर मिनिस्टर राधा मोहन सिंह की गाड़ी पर यूथ कांग्रेस वर्कर्स ने अंडे फेंके और काले झंडे दिखाए। यूथ कांग्रेस यहां पर मध्यप्रदेश में फायरिंग के दौरान किसानों की मौत का विरोध कर रहे थे।राधामोहन सिंह स्टेट गेस्ट हाउस से एक प्रोग्राम में हिस्सा लेने के लिए निकले थे, उसी दौरान उन पर अंडा फेंका गया। हालांकि, अंडा केंद्रीय मंत्री को नहीं लगा।

पुलिस ने जिन पांच यूथ कांग्रेस वर्कर्स को अरेस्ट किया, उनमें स्टेट प्रेसिडेंट लोकनाथ महारथी भी शामिल हैं।महारथी ने कहा राधा मोहन सिंह को मंत्री पद पर बने रहने का नैतिक अधिकार नहीं है। ओडिशा बीजेपी इनचार्ज अरुण सिंह ने कहा,”कांग्रेस पूरे देश में विश्वास खो रही है। ये अंडा रूलिंग बीजेडी पर फेंका गया है। ये राज्य सरकार की जिम्मेदारी है कि विजिट पर आए मंत्री को सुरक्षा मुहैया कराए।

महाराष्ट्र के बाद जून की शुरुआत में मध्य प्रदेश में भी किसानों ने आंदोलन शुरू किया।मध्य प्रदेश के किसानों की मांग है कि उन्हें कर्ज माफी दी जाए, फसलों पर मिनिमम सपोर्ट प्राइस मिले, जमीन के बदले मुआवजे पर कोर्ट जाने का हक मिले और दूध के रेट बढ़ाए जाएं।सबसे पहले 3 जून को इंदौर में यह आंदोलन हिंसक हो गया था। बाद में मंदसौर, उज्जैन और शाजापुर जैसे राज्य के बाकी हिस्सों में फैल गया।

मंदसौर में पुलिस की फायरिंग में 6 किसानों की मौत हो गई। शुक्रवार को यह हिंसक आंदोलन राजधानी भोपाल के पास फंदा तक पहुंच गया।
इसके बाद शिवराज ने शुक्रवार रात फैसला किया कि वे शनिवार को अनशन करेंगे। उन्होंने प्रदर्शनकारी किसानों से कहा कि वे भोपाल के भेल दशहरा मैदान में आएं और मुझसे बात करें।

मंदसौर, नीमच, धार, देवास, शाजापुर, आगरमालवा और पश्चिमी हिस्से के अन्य जिलों में पुलिस-प्रशासन सतर्क है। भोपाल और राज्य के सभी जिलों की पुलिस से विशेष सतर्कता बरतने के लिए कहा गया है। कुल मिलाकर सभी स्थानों पर स्थिति शांत है।मंदसौर में शनिवार को कर्फ्यू में राहत दी गई और वहां भी दिनचर्या सामान्य हो रही है। इंदौर, उज्जैन में भी अब स्थितियां बिल्कुल सामान्य हैं।

ऑफिशियल सोर्सेस का कहना है कि उपद्रवियों की पहचान का काम जारी है और उनके खिलाफ एक्शन लिया जा रहा है। लोकल इंटेलिजेंस नेटवर्क सतर्क है और अराजकता फैलाने वालों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई की जा रही है।शनिवार को नरसिंहगढ़ में कांग्रेस विधायक गिरीश भंडारी और लोगों ने जयपुर-जबलपुर हाई-वे जाम किया, लेकिन कुछ देर बाद यहां ट्रैफिक सामान्य हो गया।

सीएम चौहान ने किसानों पर केस खत्म करने, जमीन मामले में किसान विरोधी प्रावधानों को हटाने, फसल बीमा को ऑप्शनल बनाने, मंडी में किसानों को 50% कैश पेमेंट और 50% आरटीजीएस से देने का एलान किया था।यह भी कहा था कि सरकार किसानों से इस साल 8 रु. किलो प्याज और गर्मी में समर्थन मूल्य पर मूंग खरीदेगी। खरीदी 30 जून तक चलेगी।

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