चुनाव आयोग को नहीं मिला ईवीएम से छेड़छाड़ का कोई सबूत

निर्वाचन आयोग ने कहा कि इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) से छेड़छाड़ नहीं की जा सकती। आयोग ने कुछ राजनीतिक दलों द्वारा लगाए जा रहे आरोपों को निराधार और काल्पनिक बताया। चुनाव आयोग ने एक बयान में कहा यह पहली बार नहीं है कि इस तरह के आरोप लगे हैं और आशंका उठाई गई है। लेकिन, छेड़छाड़ का आरोप लगाने वाला कोई भी इस बात को आयोग के सामने साबित नहीं कर पाया कि ईवीएम में किसी तरह से जोड़तोड़ या छेड़छाड़ की जा सकती है।

निर्वाचन आयोग ने कहा इन शिकायतों के अलावा आयोग को पांच राज्यों में हुए चुनावों में राजनीतिक दलों या उम्मीदवारों द्वारा कथित तौर पर ईवीएम से छेड़छाड़ की कोई विशेष शिकायत या कोई ठोस सामग्री नहीं मिली। यदि कोई विशेष आरोप ठोस साक्ष्यों के साथ भारतीय निर्वाचन आयोग के समक्ष प्रस्तुत किया गया तो उसे गंभीरता के साथ देखा जाएगा।

आयोग ने कहा अभी, आधारहीन, काल्पनिक आरोप लगाए जा रहे हैं। इसे खारिज किया जाना चाहिए।साल 2000 से इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन का इस्तेमाल 107 विधानसभा चुनावों में और तीन लोकसभा चुनावों 2004, 2009 और 2014 में किया जा चुका है।आयोग ने कहा कि वह चरणबद्ध तरीके से पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपीएटी) की तैनाती करके चुनाव प्रक्रिया में नागरिकों का विश्वास बढ़ाएगा।

दिलचस्प है कि साल 2009 के लोकसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने ईवीएम की प्रमाणिकता को लेकर संदेह जताया था।बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती के ईवीएम में उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में भाजपा के पक्ष में छेड़छाड़ के दावे के बाद कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने अगले महीने होने वाले दिल्ली नगर निगम चुनावों में ईवीएम के बजाए मतपत्रों के इस्तेमाल की मांग की है।राज्य चुनाव आयोग ने इस मांग को खारिज कर दिया और कहा कि अब ऐसा करने में बहुत देर हो गई है।

Check Also

आरबीआई ने सभी क्रेडिट सूचना कंपनियों को दिया एक आंतरिक लोकपाल नियुक्त करने का निर्देश

आरबीआई ने सभी क्रेडिट सूचना कंपनियों को 1 अप्रैल, 2023 तक एक आंतरिक लोकपाल नियुक्त करने …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *