प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बांग्लादेश यात्रा पर पड़ोसी देश के राजनीतिक रूप से प्रतिद्वंद्वी दलों में गजब की सर्वसम्मति देखने को मिली है। सत्तारुढ़ अवामी लीग और विपक्षी बीएनपी एक स्वर में भारत के साथ बेहतर संबंधों की पैरवी कर रही हैं।इसके अलावा यह यात्रा दोनों देशों के अलावा इस पूरे क्षेत्र के लिए फायदेमंद साबित होगी। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी कल ढ़ाका पहुंच गई थीं।
बांग्लादेश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भव्य स्वागत की तैयारी है। राजधानी ढाका में सड़कों पर मोदी, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी व बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के विशाल पोस्टर लगे हैं। ममता यहां कोलकाता-ढाका-अगरतला बस सेवा की शुरुआत के लिए समारोह में शामिल होंगी। दोनों देशों के पुराने संबंध और 1971 में हुए बांग्लादेश मुक्ति संग्राम में भारत की भूमिका को रेखांकित करने वाले बांग्लादेश के संस्थापक शेख मुजीबुर रहमान और भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के विशाल पोस्टर भी लगे हैं।
किसी भी दो पड़ोसी देशों के बीच सीमा विवाद सुलझ जाए तो इतिहास बनता है। कुछ ऐसा ही इतिहास शनिवार को ढाका में तब बनेगा, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के साथ भूमि सीमा समझौते पर हस्ताक्षर करेंगे। इस समझौते पर भारतीय संसद पहले ही मुहर लगा चुकी है। इसके साथ ही दोनों पड़ोसी देशों के बीच 41 वर्षों से चल रहा सीमा विवाद पूरी तरह से खत्म हो जाएगा। दोनों सामुद्रिक सीमा विवाद का पहले ही निपटारा कर चुके हैं।
विदेश सचिव एस जयशंकर का कहना है कि भूमि सीमा समझौते पर हस्ताक्षर होना कोई मामूली बात नहीं है। यह समझौता आने वाले दिनों में इन पड़ोसी देशों के आपसी रिश्तों को नई ऊंचाई तक ले जाएगा। इससे दोनों देश 4096 किलोमीटर लंबी अपनी सीमा का बेहतर तरीके से प्रबंधन कर सकेंगे। सीमा पर गैर कानूनी गतिविधियों पर रोक लग सकेगी। भारत विरोधी गतिविधियों का खात्मा हो सकेगा, द्विपक्षीय कारोबार बढ़ेगा और आम जनता के बीच मेल भाव बढ़ेगा। नेपाल-भूटान-भारत-बांग्लादेश के बीच संयुक्त राजमार्ग का निर्माण करने को लेकर भी बातचीत होगी और संभव है कि इस पर अगले कुछ हफ्तों में हस्ताक्षर हो जाए।
मोदी और शेख हसीना के नेतृत्व में दोनो पक्षों में करीब 20 समझौते होने के आसार हैं। इसमें बांग्लादेश को ज्यादा डीजल व बिजली की आपूर्ति का समझौता भी शामिल है।इसके अलावा भारत ने बांग्लादेश के टीवी सीरियलों का भारत में प्रसारण करने की उसकी पुरानी मांग को स्वीकार करने का भी मूड बना लिया है। इस पर भी समझौता होगा। सीमा विवाद निपटारे के बाद दोनों देशों के बीच अब सबसे बड़ा मुद्दा नदी जल बंटवारे का है। खास तौर पर तीस्ता नदी के पानी के बंटवारे को लेकर दोनों पक्षों के बीच पहले ही काफी बातचीत हो चुकी है।