दिल्ली के उपराज्यपाल वी के सक्सेना ने सरकारी स्कूलों में कक्षाओं के लिए अतिरिक्त कमरों के निर्माण की जांच के संबंध में केंद्रीय सतर्कता आयोग की रिपोर्ट पर कार्रवाई करने में ढाई साल से अधिक की देरी को लेकर मुख्य सचिव से रिपोर्ट मांगी है।
परियोजनाओं के निष्पादन में घोर अनियमितताएं और प्रक्रियागत खामियों का उल्लेख करते हुए रिपोर्ट सीवीसी द्वारा फरवरी 2020 में सतर्कता सचिव को भेजी गई, जिसमें आगे की जांच और कार्रवाई के लिए टिप्पणी मांगी गई थी।फिलहाल इस मुद्दे पर दिल्ली सरकार की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
उपराज्यपाल कार्यालय के सूत्रों ने कहा उपराज्यपाल ने इस अत्यधिक देरी को गंभीरता से लिया है, जो सीवीसी नियमावली के प्रासंगिक खंडों के उल्लंघन के अलावा घोर कदाचार को छिपाने का एक स्पष्ट प्रयास प्रतीत होता है और भ्रष्टाचार का संकेत मिलता है।
उपराज्यपाल सचिवालय को शिकायत मिली थी जिसमें सतर्कता निदेशालय को सीवीसी के पत्र की एक प्रति संलग्न की गई थी। सीवीसी को 2019 में दिल्ली के सरकारी स्कूलों में कक्षाओं के लिए अतिरिक्त कमरों के निर्माण में अनियमितता और लागत बढ़ने की शिकायत मिली थी। दिल्ली में भाजपा के विधायक विजेंद्र गुप्ता ने जुलाई 2019 में शिकायत दर्ज कराई थी।