वसुंधरा का इस्तीफा चाहती है कांग्रेस

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मोदी मामले में वसुंधरा राजे से जुड़ते तारों के बाद और आक्रामक हुई कांग्रेस ने सरकार पर दबाव बढ़ा दिया है। मुद्दे की आंच को प्रधानमंत्री तक पहुंचाते हुए कांग्रेस ने मोदी पर ‘षड्यंत्रकारी चुप्पी बरतने का आरोप लगाया। कांग्रेस ने पद के दुरुपयोग व संवैधानिक दायित्वों के विपरीत काम करने का आरोप लगाते हुए विदेश मंत्री सुषमा स्वराज व राजस्थान के मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के अविलंब इस्तीफे की मांग की है।कांग्रेस संचार प्रमुख रणदीप सुरजेवाला ने पार्टी आक्रामण की अगुवाई करते हुए कहा कि नए दस्तावेजी सबूतों के बाद यह साफ हो गया है कि यह सुनियोजित लेन-देन का मामला है। सरकारी एजेंसियों का इस्तेमाल काले धन के अपराधी की मदद में किया गया। उन्होंने कहा कि न खाऊंगा न खाने दूंगा की बात कहने वाले प्रधानमंत्री की नाक के नीचे यह सब चल रहा है। जबकि, वो खामोश हैं। उन्होंने इस मामले को सत्रह हजार करोड़ का घपला बताया।

उन्होंने कहा कि एक कानून के भगोड़े से संबंध रखने के बावजूद सुषमा स्वराज ने यह बात न तो भारत सरकार को बताई न ही संसदीय आचार समिति को। सुरजेवाला ने नए सबूतों के आने के बाद विपक्ष की अन्य पार्टियों से इस मुहिम में साथ आने की अपील भी की। उन्होंने वसुंधरा राजे के बेटे दुष्यंत की कंपनी में ललित मोदी की कंपनी के निवेश पर भी सवाल उठाए। सुरजेवाला ने कहा कि वसुंधरा राजे एक भगोड़े की मदद करने को लेकर आपराधिक संलिप्तता में शामिल हैं। ऐसे में उन्हें पद पर बने रहने का कोई अधिकार नही है। वहीं, राजस्थान में पार्टी अध्यक्ष सचिन पायलट ने राज्य की मुख्यमंत्री के इस्तीफे की मांग करते हुए कहा कि गुरुवार को राजस्थान में वसुंधरा के खिलाफ उनकी पार्टी विरोध प्रदर्शन करेगी।

उधर संप्रग सरकार में वित्त मंत्री रहे पी. चिदंबरम ने इस मामले पर केंद्र सरकार पर सवालों की बौछार करते हुए पूर्ववर्ती सरकार के दौरान भारत व ब्रिटेन के बीच हुए पत्राचार को सार्वजनिक करने की मांग की। चिदंबरम ने पूर्ववर्ती संप्रग सरकार पर ललित मोदी की तरफ से लगाए गए आरोपों को हास्यास्पद बताया। चिदंबरम ने कहा, ‘मामले की गंभीरता को देखते हुए केंद्र सरकार को भारत और ब्रिटेन के मध्य हुए पत्राचार के दस्तावेजों को सार्वजनिक करना चाहिए।

उन्होंने कहा कि खुद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने पुष्टि की है कि प्रवर्तन निदेशालय ललित मोदी के खिलाफ 16 मामलों में जांच कर रहा है। ऐसे 15 मामलों में उन्हें कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया है। ऐसे में अगर सुषमा मोदी को मानवीय आधार पर यात्रा दस्तावेज उपलब्ध कराना चाहती थीं, तो उन्हें ललित मोदी से कहना चाहिए था कि वह लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग से संपर्क करें।

चिदंबरम ने कहा कि सुषमा को ‘ऐसा क्यों लगा कि मोदी को भारतीय यात्रा दस्तावेज की जगह ब्रिटेन के यात्रा दस्तावेज की जरूरत होगी? यह सीधे तौर पर भाई-भतीजावाद, पद का दुरुपयोग और नियमों के उल्लंघन का मामला है। चिदंबरम ने केंद्र सरकार से सात सवाल भी पूछे।
आइपीएल के संस्थापक कमिश्नर रहे ललित मोदी ने संप्रग सरकार में वित्त मंत्री रहे पी. चिदंबरम पर कई तल्ख आरोप लगाते हुए कहा कि चिदंबरम बिना किसी कानूनी आधार के उनके पीछे पड़े रहे। इसके लिए वह सरकारी मशीनरी का भी दुरुपयोग करते रहे। वह उन्हें देश से बाहर जाने को विवश करने के लिए गैरकानूनी हथकंडे अपना रहे थे।

एक टीवी चैनल को दिए विस्तृत इंटरव्यू में मोदी ने बताया कि कांग्रेस के लोग उन्हें लंदन में मिलने आते रहते थे लेकिन इस बारे में किसी को बताते नहीं थे। कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद उन्हें मिलने वहां आए। राजीव शुक्ला के अलावा राकांपा के शरद पवार और प्रफुल्ल पटेल भी जब भी लंदन आते उनसे जरूर मिलते थे। उन्होंने कहा कि उन्होंने भारत तभी छोड़ा जब उनकी सुरक्षा हटा दी गई। मई में उनके लंदन जाने के बाद अगले महीने संप्रग सरकार ने उन्हें भगोड़ा घोषित किया।

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