विधानसभा बजट में आप को घेरेगी भाजपा

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शीला दीक्षित के बाद मंगलवार को उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया पहली बार बतौर वित्त मंत्री विधानसभा में दिल्ली का पूर्णकालिक बजट पेश करेंगे।विधानसभा का बजट सत्र आगामी 23 जून से शुरू हो रहा है। उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया 25 जून को सदन में बजट पेश करेंगे। समझा जा रहा है कि केंद्र व दिल्ली सरकार के बीच जारी टकराव के मद्देनजर बजट सत्र हंगामेदार होगा।

यह और बात है कि विपक्ष के नाम पर महज तीन विधायक हैं। लिहाजा हंगामा भी सत्ता पक्ष की ओर से होगा और इसके निशाने पर केंद्र सरकार, उपराज्यपाल नजीब जंग और दिल्ली पुलिस के मुखिया होंगे।इससे पहले शीला दीक्षित सरकार ने मार्च 2013 में बजट पेश किया था। इसके बाद बनी आम आदमी पार्टी की 49 दिनों की सरकार लेखानुदान पेश करने के बाद सत्ता से बाहर हो गई थी,तब सिसोदिया ने लेखानुदान पेश किया था। उसके बाद दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लागू हो गया।

दिल्ली का पिछला बजट लोकसभा में केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने पेश किया था। इस तरह बजट सत्र के दौरान यह पहला मौका होगा, जब दो साल के लंबे अंतराल के बाद विधानसभा में दिल्ली का बजट पेश किया जाएगा।बता दें कि वित्त वर्ष 2015-16 के बजट के लिए सरकार ने करीब एक दर्जन विधानसभाओं में जाकर आम लोगों की राय जानी है। सरकार का दावा है कि जनता की राय के मुताबिक ही बजट तैयार किया गया है। इस लिहाज से यह देखना वाकई अहम है कि आम आदमी पार्टी सरकार का बजट पिछली कांग्रेसी सरकारों से किस तरह अलग होगा।

बताया जा रहा है कि पहले बजट बनाने का काम मूल रूप से सरकारी अधिकारियों के हाथ में रहता था, लेकिन इस बार दिल्ली डॉयलाग कमीशन ने भी इसमें काफी योगदान दिया है। इस प्रकार नया बजट दिल्ली को लेकर नई सरकार की नीतियों की झलक भी पेश करेगा।गौरतलब है कि आम आदमी पार्टी की सरकार को विधानसभा चुनाव में जनता का भारी समर्थन मिला। लिहाजा उसके बजट के समाज के हर वर्ग के लिए बेहतर होने की उम्मीद की जा रही है। लेकिन यह भी सच है कि शहर के गरीब तबके ने अपने सपनों की खातिर बड़ी हसरत से अरविंद केजरीवाल की अगुआई में नई सरकार के गठन के लिए वोट दिया है।

ऐसे में यदि सरकार उनके उत्थान को प्राथमिकता दे तो इसमें ताज्जुब नहीं होना चाहिए। मुख्यमंत्री केजरीवाल व अधिकारी भी कई बार कह चुके हैं कि समाज कल्याण, शिक्षा और स्वास्थ्य को सरकार प्राथमिकता देगी।30 जून तक चलने वाले इस सत्र में आम आदमी पार्टी की सरकार वैट संशोधन बिल समेत छह बिल विधानसभा में पेश करेगी। इस सत्र में दिल्ली सरकार स्कूल फीस नियमन विधेयक भी पेश कर सकती है।इससे पहले सोमवार को मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में दिल्ली शहरी आश्रय विकास बोर्ड (डीयूएसआइबी) एक्ट की धारा में संशोधन करने का फ़ैसला किया गया है।

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