महाकुंभ घोटाले की सीबीआई से जांच कराने पर उत्तराखंड सरकार सहमत हो गई है.इस संबंध में मुख्यमंत्री हरीश रावत ने साफ किया है कि वह जल्द ही जांच की सिफारिश कर पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल को निराश नहीं होने देंगे. कांग्रेस की ओर से वर्ष 2010 में हरिद्वार में हुए महाकुंभ में करोड़ों रुपये के घोटाले को लेकर भाजपा पर हमला बोलती आई है.महाकुंभ के दौरान प्रदेश में रमेश पोखरियाल निशंक के नेतृत्व में भाजपा की सरकार थी. वर्तमान में प्रदेश सरकार पर भाजपा की ओर से जब भी भ्रष्टाचार के आरोप लगाए जाते हैं तो कांग्रेस भी महाकुंभ, स्टूर्जिया भूमि व लघु जलविद्युत परियोजनाओं के आवंटन में हुए घोटले को मुद्दा बनाकर भाजपा पर हमला बोलती है.
भाजपा वर्तमान सरकार के तथाकथित घोटालों की सीबीआई से जांच की मांग करती है तो कांग्रेस नेता भी भाजपा शासन काल में हुए घोटालों की सीबीआई जांच की बात करते हैं. दोनों दलों के बीच चली इस जंग में कांग्रेस के निशाने पर पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक होते हैं.महाकुंभ घोटाले को लेकर बार-बार कांग्रेसियों के आरोपों से खिन्न पूर्व मुख्यमंत्री ने वर्तमान सरकार से मामले की जांच सीबीआई से कराने की चुनौती दे डाली है.
इस संबंध में सोमवार को जब मुख्यमंत्री हरीश रावत से बात की गई तो उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि राजनीतिक दलों को गड़े मुर्दे नहीं उखाड़ने चाहिए. जहां तक महाकुंभ में घोटाले की बात है तो यह सत्य है कि राज्य के अधिकतर लोग इस बारे में अपनी राय प्रकट करते हैं.