Sodium and the Diet – भोजन में नमक डालते वक़्त रखे खास ध्यान

नमक आपसे कृतज्ञता का अहसास भी कराता है। कभी आपने गौर किया है कि आप जो नमक खाते हैं, वह कैसा है? आयोडिन की मात्रा कितनी है और यह आपकी सेहत के लिए ठीक है या नहीं? आपकी जिंदगी में नमक की महत्ता पर एक रिपोर्ट।खाने में अगर नमक कम हो, तो खाना बेस्वाद लगने लगता है, चाहे वह आपका पसंदीदा व्यंजन ही क्यों न हो? चुटकी भर ही सही, पर नमक के बिना स्वाद की बात कौन करना चाहेगा? नमक को हमने स्वाद के साथ इस तरह से मिक्स कर रखा है कि नमक का कम या ज्यादा होना हम में से किसी को पसंद ही नहीं आता।भले ही विशेषज्ञ यह कहते रहें कि ज्यादा नमक सेहत के लिए नुकसानदेह है, पर हम तो हमेशा स्वाद की ही सुनते हैं। नमक कैसे खाएं और कितना खाएं, हमारा नमक सही है या नहीं… इस बात पर गौर करने के बजाय हम यह देखते हैं कि हमारे खाने में नमक बराबर है या नहीं।

यानी सेहत को दरकिनार कर हम सिर्फ स्वाद की ही सोचते हैं, जो सेहत के लिहाज से गलत है। नमक आप चाहें जिस माध्‍यम से लें, लेकिन उसकी मात्रा को कंट्रोल करना जरूरी है। साथ ही यह देख्‍ाना भी जरूरी है कि अापका नमक सही हो, जिसमें आयोडिन की मात्रा संतुलित हो।सोडियम सिर्फ स्वाद ही नहीं सेहत के लिए भी जरूरी है। शरीर में पानी की मात्रा को नियंत्रित रखने, मांसपेशियों के सुचारू रूप से काम करने और मस्तिष्क से शरीर के अन्य अंगों तक सूचनाओं के आदान-प्रदान के लिए सोडियम जरूरी है। पूरी तरह से सेहतमंद व्यक्ति के शरीर को हर दिन 6 ग्राम से भी कम नमक की जरूरत होती है, पर अलग-अलग माध्‍यमों से हम इससे ज्यादा ही नमक खा लेते हैं, जिससे शरीर में सोडियम की मात्रा बढ़ जाती है।

इस कारण उच्च रक्तचाप, किडनी से संबंधित बीमारियों के होने की आशंका बढ़ जाती है। नमक की अधिकता से घुटनों में सूजन और मोटापे की समस्या भी होती है। कई बार यह एजिंग की प्रक्रिया को भी बढ़ा देता है। लेकिन इसका मतलब यह भी नहीं कि आप अपनी डाइट नमक बिल्कुल ही हटा दें या कम कर दें। नमक की अधिकता ही नहीं, कमी भी सेहत के लिए खतरनाक है। नमक की कमी से थकान, डिहाइड्रेशन, निम्न रक्तचाप, मांसपेशियों में खिंचाव आदि समस्या हो सकती हैं।निम्न रक्तचाप के मरीजों, गर्म या उमस भरे वातावरण में काम करने वाले लोगों या शारीरिक श्रम करने वाले लोगों और खिलाड़ियों को डाइट में नमक की मात्रा बढ़ाने की सलाह दी जाती है, क्‍योंकि शरीर पसीने के माध्‍यम से अतिरिक्‍त नमक बाहर निकाल देता है। इसलिए अपनी डाइट में नमक की मात्रा को बैलेंस रखें, ताकि सेहत संबंधी कोई समस्या न हो।

जहां से लेते हैं एक्‍स्ट्रा नमक
जंक और डिब्बाबंद प्रिजर्वेटिव फूड के आने से आजकल लोग तय सीमा से दोगुना नमक खाने लगे हैं जैसे, पिज्जा, बर्गर, टोमैटो कैचअप, नमकीन, केक, बटर, चीज़, सूप, एनर्जी ड्रिंक्स, बेफर्स, मायोनीज, चिप्स, चॉकलेट आदि। इन सभी फूड आइटम्स में नमक की मात्रा ज्यादा होती हैअमूमन इनके पैकेट पर लिखी सामग्रियों में नमक नहीं, बल्कि सोडियम क्लोराइड लिखा होता है। इसमें नमक की मात्रा का पता करने के लिए उसे बस 2.5 से गुणा कर दें। उदाहरण के लिए, अगर किसी पैकेट पर सोडियम क्लोराइड की मात्रा एक ग्राम लिखी हुई है, तो इसका मतलब हुआ कि उसमें नमक की मात्रा 2.5 ग्राम है। अब आपको तय करना है कि इसे डाइट में कितना और कैसे शामिल करें। वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाइजेशन दिन में 5 ग्राम नमक यानी 1 छोटा चम्मच नमक के सेवन की सलाह देता है, लेकिन विभिन्न माध्यमांे से हम ज्यादा ही नमक ले लेते हैं। यदि आप अपने खाने में नमक का सेवन कम करना चाह रही हैं, तो इन नुस्‍खों को अपनाएं।

कम नमक वाला खाना बनाएं। इंटरनेट या रेसिपी बुक से आप कम नमक वाली रेसिपीज के बारे में जानकारी ले सकती हैं। इन माध्यमों से यह जानने की कोशिश करें कि इनमें से आपके लिए क्या अच्छा है, इसमें अपना तड़का डालें और औरों को भी बताएं। आखिर बात सेहत की है।रेडीमेड फूड प्रोडक्ट्स, जैसे बेफर्स, स्नैक्स आदि ले रही हैं, तो लेबल पर लिखे सोडियम की मात्रा पर जरूर गौर करें। डिब्बाबंद वस्तुओं का सेवन जहां तक हो सके कम करें।कम नमक में स्वाद लेना पसंद करें। नमक के सेवन को कम करने की शुरुआत धीरे-धीरे करें, आपको जल्द ही इसकी आदत हो जाएगी। सलाद वगैरह में आप नमक के विकल्प के रूप में अन्य मसाले या हर्ब्स का इस्तेमाल कर सकती हैं, जैसे

न्यूट्रीशनिस्ट और वेट मैनेजमेंट एक्सपर्ट कविता देवगन कहती हैं कि आयोडीन एक प्राकृतिक तत्व है, जो हमारे जीवन के लिए जरूरी है। यह शरीर और मस्तिष्क दोनों की सही वृद्धि, विकास और संचालन के लिए जरूरी है। यह मस्तिष्क को सतर्क रखता है और बाल, नाखून, दांत व त्वचा को उत्तम स्थिति में रखने में मदद करता है। आयोडीन की कमी का सबसे जाना-माना लक्षण है घेंघा। इसमें थायरायड ग्‍लैंड बढ़ जाती है। इसमें मामूली सूजन से लेकर बड़ी गिल्टी तक बन जाती है। घेंघा के अलावा शरीर व मस्तिष्क से जुड़ी और भी समस्याएं हो सकती हैं। हालांकि हमारे लिए आयोडीन बहुत कम मात्रा में जरूरी है, लेकिन इसे हर रोज लेना आवश्यक है।

कालीमिर्च पाउडर, भुना जीरा पाउडर, ऑरेगेनो, तुलसी, नींबू का रस आदि। खाने में ज्यादा-से-ज्यादा ताजी चीजों का प्रयोग करें और प्रिजर्वेटिव फूड से दूरी बनाएं, क्योंकि इनको संरक्षित करने के लिए सोडियम का इस्तेमाल किया जाता है।फलों और दही में अगर नमक न डालें, तो सोडियम का स्तर कम रखने में मदद मिलेगी। रोटी भी बिना नमक वाली खानी चाहिए और सबसे जरूरी यह है कि किसी भी चीज में ऊपर से नमक नहीं डालना चाहिए। सोया सॉस, पिज्जा सीजनिंग, चाट मसाला, सलाद ड्रेसिंग जैसी चीजों में पहले से नमक होता है। इनका इस्तेमाल किसी डिश में करने के दौरान उसमें अलग से नमक न डालें।

सोडियम क्लोराइड की मात्रा को संतुलित करने के लिए अपनी डाइट में ज्यादा पोटैशियम वाली चीजें जैसे केला या अन्य ताजे फल और सब्जियों के साथ-साथ नारियल पानी का इस्तेमाल बढ़ा दें।होटल या रेस्तरां में सूप ऑर्डर करने से बचें। ज्यादा मात्रा में पानी पिएं, ताकि अतिरिक्त सोडियम शरीर से बाहर निकल सके। इस तरह प्रयास करके आप ज्‍यादा नमक खाने से बच जाएंगी।आयोडिन युक्त नमक आपके घर में भी आता होगा, लेकिन आपके नमक का आयोडिन इस्तेमाल होने तक क्या सुरक्षित रहता है! इस पर विशेषज्ञ कहते हैं कि नमक में आयोडीन कम-से-कम 15 पीपीएम (15अंश प्रति 10 लाख अंश) होना चाहिए। फैक्ट्रियों में तैयार नमक में आयोडीन 30 पीपीएम होना चाहिए, ताकि आम उपभोक्ता तक पहुंचते तक 15 पीपीएम आयोडीन मौजूद रहे।

लेकिन कई बार गलत रखरखाव की तरीकों से हम आयोडिन को नमक से खत्‍म कर देते हैं। ऐसे में आयोडीन युक्त नमक को स्टोर करने के लिए कुछ सावधानियां बरतनी होंगी। आयोडीन युक्त नमक यदि देर तक धूप या सीलन के संपर्क में रहे, तो इसमें मिली आयोडीन खत्‍म हो जाता है। इसलिए आप इसे प्लास्टिक, लकड़ी, मिट्टी या शीशे के एयरटाइट बर्तन में ठीक से बंद करके रखें। ध्यान रहे, उतना ही नमक खरीदें, जितना आप जल्दी से खा सकती हैं। अधिक समय के लिए उसे स्टोर न करें। नमक को खुला छोड़ने पर उसमें का आयोडीन नष्ट हो जाता है।

गलत तरीका
आयोडीन युक्त नमक को नमी, सूर्य की रोशनी तथा ऊंचे तापमान से बचाना जरूरी होता है, लेकिन दुकानदार इसमें काफी लापरवाही करते हैं। कई बार नमक बनाने वाली कंपनियां भी इसमें लापरवाही बरतती हैं, जिसकी वजह से आयोडिन का प्रभाव नमक में कम हो जाता है। इसलिए नमक के पैकेटों पर निर्माण तिथि, निर्माता का नाम और आयोडाइजेशन स्तर की मुहर लगाएं। आयोडीन नमक का इस्तेमाल, उत्पादन तिथि के भीतर हो जाना चाहिए।इसका निर्देश भी पैकेट पर देना जरूरी किया जाना चाहिए। जब भी नमक खरीदें, आयोडीन नमक पर ही जोर दें। साधारण बिना अस्तर वाले जूट की थैलियों का प्रयोग कभी न करें। खुले ट्रकों या खुले रेल वैगनों में नमक भेजा जाता है, जिससे बचना चाहिए। आयोडाइज किए गए नमक को कभी भी छ: महीने से अधिक स्टोर न करें।

ऐसे लोग, जो नमक से समझौता नहीं कर सकते, तो उनके लिए लो-सोडियम नमक भी बाजार में आ चुका है। इसमें सोडियम क्लोराइड की पूरी मात्रा को या अधिकांश मात्रा को पोटैशियम सॉल्ट से बदल दिया जाता है। लेकिन यह नमक उन्हीं लोगों के लिए है, जिनको सेहत से जुड़ी कोई समस्या है। इसलिए डॉक्टर की सलाह के बिना लो-सोडियम नमक न लें।इस बात का हमेशा ध्यान रखना चाहिए कि ज्यादा नमक खाकर हम अपने शरीर से कैल्शियम भी बाहर निकाल रहे होते हैं। शरीर में सोडियम की मात्रा जब बहुत ज्यादा हो जाती है, तो हमारा शरीर उसे मूत्र के जरिए भी बाहर निकालता है।

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