TRP खबर

शब्द शब्द जोड़कर बना
लेते हैं वो खबर
ये नहीं सोचते असर
उन पे क्या होगी
वो ताक में रहते हैं
जुल्मों रंजिश के
उन्हें क्या पता हश्र
उन पे क्या होगी
दिखता नहीं उन्हें
गरीब, बेसहारों की दशा
है पता उन्हें खबर इन पे
क्या होगी
तू एक बार
वदन से दुपट्टा
तो गिरा
फिर देख सबकी
इन पर नजर
क्या होगी
गर ना मिले खबर तो
मजबूर कर दे किसी को
वरना तेरे नौकरी पर
कहर क्या होगी
उन्हें तो भूख है बस
पैसों की
बिन पैसे की खबर
खबर क्या होगी
जरूरी नहीं की तेरे
जुनून में हो खबर
ये सोच इस दौड़
में चलने की जुगाड़
क्या होगी
गर नहीं गिरता
कोई बच्चा गड्ढे में
तो खोद दे गड्ढा
फिर देख TRP
की लहर क्या होगी ?
आशीष गुप्ता

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