पाकिस्तान ने कुलभूषण जाधव से मुलाकात के लिए भारत की अपील को एक बार फिर ठुकरा दिया है। भारत के हाई कमिश्नर ने बुधवार को पाकिस्तान की फॉरेन सेक्रेटरी से मिलकर यह अपील की थी। इससे पहले भारत 15 बार जाधव तक डिप्लोमैटिक पहुंच के लिए अपील कर चुका है, लेकिन पाकिस्तान ने हर बार इनकार कर दिया।
बता दें कि पाक मिलिट्री कोर्ट ने इंडियन नेवी के पूर्व अफसर जाधव को 10 अप्रैल को फांसी की सजा सुनाई थी। नई दिल्ली ने इस पर एतराज जताया है। भारत का कहना है कि जाधव को अगवा किया गया है, सजा पर अमल किया गया तो इसे मर्डर माना जाएगा। न्यूज एजेंसी के मुताबिक, पाकिस्तान के आर्मी एक्ट के सेक्शन- 133बी के तहत फांसी के फैसले के खिलाफ भारत ने अपील की थी।
इस्लामाबाद में भारत के हाई कमिश्नर गौतम बंबावले ने इस सिलसिले में पाकिस्तान की फॉरेन सेक्रेटरी तहमीना जंजुआ से मुलाकात की।पाकिस्तान का कहना है कि जाधव एक जासूस है और यह केस बाइलेटरल एग्रीमेंट के तहत नहीं आता है। इस वजह से भारत को उससे मिलने के लिए डिप्लोमैटिक एक्सेस नहीं दी जा सकती।
बता दें कि बंबावले दूसरी बार खुद जंजुआ से मिले हैं। इससे पहले भारत करीब 15 बार अपील कर चुका है।एक न्यूज एजेंसी के मुताबिक, कुलभूषण जाधव की मां की ओर से एक पिटीशन पाकिस्तान सरकार को दी गई है।फॉरेन मिनिस्ट्री ने बताया कि जाधव की मां ने एक पिटीशन अपीलीय कोर्ट में भी दायर की है। इसके अलावा, जाधव की मां ने बेटे की रिहाई के लिए पाक सरकार से हस्तक्षेप करने की मांग भी की। साथ ही बेटे से मिलने की इच्छा जताई है।
11 अप्रैल को पाक आर्मी ने वहां की जेल में बंद भारतीय अफसर कुलभूषण जाधव को फांसी की सजा सुनाई है। पाक ने आरोप लगाया था कि जाधव भारतीय जासूस है।पाक मिलिट्री के अफसर मेजर जनरल आसिफ गफूर ने ट्वीट किया था कि पाकिस्तान आर्मी एक्ट के तहत जाधव का फील्ड जनरल कोर्ट मार्शल (FGCM) किया गया और फांसी की सजा सुनाई गई।
इसके बाद भारत ने पाकिस्तान के हाई कमिश्नर अब्दुल बासित को तलब किया। उन्हें डिमार्शे (डिप्लोमैटिक डिमांड लेटर) सौंपा। इसमें कहा गया- अगर सजा पर अमल होता है तो ये कानून के बुनियादी नियमों के खिलाफ होगा। इसे सोचा-समझा कत्ल कहा जाएगा।डिमार्शे में आगे कहा गया- ये ध्यान रखा जाना चाहिए कि पाकिस्तान में इंडियन हाई कमीशन को ये बताने की जरूरत भी नहीं समझी गई कि कुलभूषण पर केस चल रहा है। भारत के लोग और सरकार इसे सोचा-समझा कत्ल ही मानेंगे।
पाकिस्तान ने कहा है कि कुलभूषण जाधव को सुनाई गई फांसी की सजा के खिलाफ 60 दिन के अंदर अपील की जा सकती है। भारत इसी प्रोविजन के तहत जाधव को कानूनी मदद देना चाहता है, लेकिन पाकिस्तान हर बार ऐसा करने से इनकार कर रहा है।इस्लामाबाद में भारत के राजदूत ने बुधवार को अपनी अपील को फॉरेन सेक्रेटरी को सौंपा।
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने संसद में कहा था जाधव को न्याय दिलवाने के लिए सरकार आउट ऑफ वे जाने को भी तैयार है। अगर जाधव को फांसी दी गई तो पाकिस्तान को द्विपक्षीय संबंधों को लेकर गंभीर अंजाम भुगतने होंगे।’ जवाब में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने कहा, हमारी सेना हर खतरे से लड़ने के लिए तैयार है।
सुषमा ने ये भी कहा था पाक ने जाधव को जो सजा सुनाई है, वो सोचा-समझा मर्डर है। उन्होंने कुछ गलत नहीं किया। सरकार आउट ऑफ द वे जाकर मदद करेगी। अगर जाधव को फांसी होती है तो पाकिस्तान को गंभीर नतीजे भुगतने होंगे। इसका असर बाइलैटरल रिलेशन पर भी पड़ेगा।इस बीच भारत ने पाकिस्तान से चार्जशीट और आर्मी कोर्ट के ऑर्डर की कॉपी मांगी है।