भारत में हुए गणतंत्र दिवस के मौके पर किसानों के हिंसक प्रदर्शन ने पाकिस्तान को मुंह खोलने का मौका दे दिया है. पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने किसान आंदोलन पर टिप्पणी करते हुए कहा है कि भारत सरकार किसानों की आवाज को दबाने में नाकाम रही है. अब पूरा भारत किसानों के साथ खड़ा है.
वहीं, पाकिस्तान के विज्ञान एवं तकनीक मंत्री फवाद चौधरी ने भी एक ट्वीट करते हुए कहा कि दुनिया को भारत सरकार के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए.गणतंत्र दिवस के अवसर पर किसानों ने ट्रैक्टर परेड निकाली थी. इस दौरान, अचानक किसान उग्र हो गए और स्थिति तनावपूर्ण हो गई.
बेकाबू भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को बल प्रयोग भी करना पड़ा. दिल्ली की इन तस्वीरों ने पाकिस्तान जैसे भारत के दुश्मनों को जहर उगलने का मौका दे दिया है. शाह महमूद कुरैशी और फवाद चौधरी ने हिंसक आंदोलन को आधार बनाते हुए दुनिया से इस मामले में दखल देने की मांग की है, जबकि यह भारत का आंतरिक मामला है.
कुरैशी ने कश्मीर का मुद्दा भी उठाया. एक्सप्रेस ट्रिब्यून के मुताबिक, पाकिस्तानी मंत्री ने कहा कि अगर कश्मीर मुद्दे को लेकर भारत का पक्ष इतना मजबूत है, तो फिर वो बातचीत करने से क्यों डरता रहा है. कुरैशी ने यह भी कहा कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने भारत से शांतिपूर्ण वार्ता की पेशकश की थी, लेकिन उसने कोई ध्यान नहीं दिया.
इसके बजाय, भारत ने ऐसे कदम उठाए जिससे कश्मीर में हालात और तनावपूर्ण हो गए.इमरान खान के मंत्री ने आगे कहा कि पाकिस्तान ने वैश्विक समुदाय को अपने व्यवहार से दिखा दिया है कि वह क्षेत्र में सिर्फ शांति और स्थिरता चाहता है.
परमाणु हथियार संपन्न दोनों देशों के बीच कश्मीर को लेकर तनाव कायम है और इसीलिए कश्मीर मुद्दे का स्थायी समाधान निकालने की जरूरत है. कुरैशी से जब कश्मीर मुद्दे के सैन्य समाधान के बारे में सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि ऐसा करना आत्महत्या के बराबर होगा. उन्होंने कहा कि क्षेत्र में आर्थिक स्थिरता तभी आएगी, जब शांति कायम होगी.