एक बार फिर 6 साल के लिए रूस के राष्ट्रपति चुने गए व्लादिमीर पुतिन

व्लादिमीर पुतिन (65) एक बार फिर 6 साल के लिए राष्ट्रपति चुन लिए गए हैं। रविवार को हुए चुनाव में उन्हें 76% से ज्यादा वोट मिले। हालांकि विपक्ष ने चुनाव में धांधली का आरोप लगाया है। पुतिन ने समर्थकों से कहा नतीजे हमारे लोगों का भरोसा और उम्मीद को दिखाते हैं। बता दें कि पुतिन के सामने 7 डमी उम्मीदवार मैदान में थे।

लेकिन उनके सबसे बड़े आलोचक रहे अलेक्सी नवाल्नी को कानूनी वजहों से चुनाव लड़ने से रोक दिया गया।व्लादिमीर पुतिन चौथी बार राष्ट्रपति चुने गए हैं। इससे पहले वे 2000-08 और 2012 में राष्ट्रपति चुने गए थे।पुतिन ने कहा हमारे विचार देश और बच्चों के भविष्य को महान बनाएंगे।

पुतिन, रूस (तब सोवियत संघ रहे) के तानाशाह रहे जोसेफ स्टालिन के बाद सबसे लंबे वक्त तक शासन करने वाले लीडर बन चुके हैं।करीब 11 करोड़ लोगों ने इस बार चुनाव में वोट डाला। रूसी सेंट्रल इलेक्शन कमीशन की मानें तो चुनाव में 60% मतदान हुआ।पोलिंग बूथ पर उत्सव जैसा माहौल रखा गया था।

वहां सेल्फी कॉम्पिटीश, फूड फेस्टिवल और बच्चों के मनोरंजन की व्यवस्था की गई थी ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग वोट देने आएं।सरकारी और प्राइवेट कर्मचारियों पर भी वोट देने का दबाव था। कॉलेज स्टूडेंट्स से कहा गया था कि अगर वे वोट नहीं देंगे तो परीक्षा में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। उन्हें कॉलेज से निकाला भी जा सकता है।

सेंट्रल इलेक्शन कमीशन के मुताबिक, अब तक आधे से ज्यादा वोटों की गिनती हो चुकी है। पुतिन को 76% से ज्यादा वोट मिल चुके हैं।पुतिन के सबसे नजदीकी प्रतिद्वंद्वी कम्युनिस्ट पार्टी के उम्मीदवार पावेल ग्रुडिनिन को महज 13.2% वोट मिले।नवाल्नी ने चुनाव को फेक बताया और अपने समर्थकों से इसका बायकॉट करने को कहा।

नवाल्नी ने देशभर में चुनाव में गड़बड़ी का पता लगाने 33 हजार वॉलंटियर भी भेजे। नवाल्नी ने ये भी कहा कि चुनाव में जबर्दस्त धांधली हुई।पुतिन 2000 से 2008 तक लगातार दो बार रूस राष्ट्रपति चुने गए। हालांकि, रूस के संविधान के मुताबिक, कोई भी शख्स दो बार से ज्यादा राष्ट्रपति नहीं बन सकता।

इसलिए 2008 में पुतिन प्रधानमंत्री पद के लिए खड़े हुए और जीत हासिल की।2012 में पुतिन ने दोबारा राष्ट्रपति बनने में दिलचस्पी दिखाई और उनके लिए देश के संविधान में संशोधन भी कर दिया गया। बदलाव के मुताबिक, रूस में 2 बार राष्ट्रपति बनने की सीमा को खत्म किया गया। साथ ही उनके कार्यकाल को 4 साल से बढ़ाकर 6 साल कर दिया गया।

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