रूस के द्वारा यूक्रेन के ऊर्जा संयंत्रों को निशाना बनाए जाने के बाद वहां पैदा हुआ बिजली संकट

रूस ने यूक्रेन में ऊर्जा संयंत्रों और अन्य बुनियादी ढांचों पर हमले किए हैं जिससे युद्धग्रस्त देश में व्यापक पैमाने पर बिजली संकट पैदा हो गया है।वहीं कीव की सेनाओं ने जवाबी कार्रवाई करते हुए रूसी सेना को उत्तरपूर्वी क्षेत्र से खदेड़ दिया है, जहां उसने पहले कब्जा कर लिया था। खारकीव के पश्चिमी बाहरी इलाके में बमबारी से एक ऊर्जा संयंत्र में भीषण आग लगी और कम से कम एक व्यक्ति की मौत हो गयी।

राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने असैन्य नागरिकों के खिलाफ ‘जानबूझकर किए मिसाइल हमलों’ की निंदा की तथा इन्हें आतंकवादी कृत्य के समान बताया। यूक्रेन के दूसरे सबसे बड़े शहर खारकीव में रविवार रात को बत्ती गुल रही। लोगों को अंधेरी सड़कों पर गाड़ियां चलानी पड़ीं और कुछ पैदल यात्रियों ने गंतव्य तक पहुंचने के लिए मोबाइल फोन का टॉर्च जलाया।

रूस के कब्जे वाले दक्षिणी क्षेत्र में यूरोप के सबसे बड़े जापोरिज्जिया परमाणु संयंत्र को इलाके में लड़ाई तेज होने पर परमाणु विकिरण की आपदा से बचने की कवायद के तौर पर बंद कर दिया गया है। कीव की खारकीव क्षेत्र में रूस के कब्जे वाले इलाकों को फिर से अपने कब्जे में लेने की कार्रवाई के बाद मॉस्को सेनाओं को खुद को घेरे जाने के डर से वहां से जाना शुरू कर दिया है और वे अच्छी-खासी संख्या में हथियारों और गोला-बारुद छोड़कर जा रहे हैं।

यूक्रेन के सैन्य प्रमुख जनरल वालेरी जालुझनी ने कहा कि उनकी सेनाओं ने सितम्बर में शुरू किए अभियान के बाद से करीब 3,000 वर्ग किलोमीटर के हिस्से पर फिर से कब्जा जमा लिया है। उन्होंने कहा कि यूक्रेनी सेना रूसी सीमा से महज 50 किलोमीटर दूर है।खारकीव के गवर्नर ओलेह सिनेहुबोव ने कहा कि यूक्रेनी सेना ने क्षेत्र में 40 से अधिक बस्तियों पर फिर से कब्जा कर लिया है।

यूक्रेनी अधिकारियों ने बताया कि रूस ने देश के दूसरे सबसे बड़े ऊर्जा संयंत्र खारकीव टीईसी-5 पर हमला किया। दुनिया में 10 सबसे बड़े परमाणु ऊर्जा केंद्रों में से एक इस संयंत्र पर युद्ध की शुरुआत से ही रूसी सेना ने कब्जा कर रखा है। यूक्रेन और रूस संयंत्र के आसपास बमबारी के लिए एक-दूसरे पर आरोप लगाते रहे हैं।

इस बमबारी ने संयंत्र को ग्रिड से जोड़ने वाली बिजली की लाइनों को तबाह कर दिया है।यूक्रेन ने रूस के खिलाफ युद्ध में जवाबी कार्रवाई जारी रखते हुए दावा किया कि उसने एक के बाद एक गांवों को मुक्त कराया है और उसने एक क्षेत्र में आश्चर्यजनक कार्रवाई करते हुए हमलावरों को सीमा तक पीछे धकेल दिया।

पूर्वोत्तर खारकीव के क्षेत्रीय गवर्नर ओले सिनीहुबोव ने कहा, कुछ क्षेत्रों में, हमारे रक्षक रूसी संघ के साथ लगती राज्य की सीमा तक पहुंच गए। उल्लेखनीय है कि हमले के पहले दिन 24 फरवरी को रूसी सैनिकों ने इस क्षेत्र में सीमा पार की थी। रूस ने सैन्य घटनाक्रम को यह कहकर स्वीकार किया कि वह फिर से संगठित हो रहा है।

पूरे युद्ध में सैन्य दावों को स्वतंत्र रूप से सत्यापित करना कठिन रहा है।यूक्रेन के सशस्त्र बलों के जनरल स्टाफ ने कहा कि उसके सैनिकों ने पिछले दिनों में 20 से अधिक बस्तियों को मुक्त कराया है। राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने रविवार को रूस को एक बार फिर चुनौती देते हुए कहा, क्या आपको अभी भी लगता है कि आप हमें डरा सकते हैं, तोड़ सकते हैं, हमें मजबूर कर सकते हैं?

क्या आप सच में कुछ समझ नहीं पाए? समझ में नहीं आता हम कौन हैं? हम किसके लिए खड़े हैं? हम किस बारे में बात कर रहे हैं ? यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की ने कहा है कि यूक्रेन में ब्लैकआउट के लिए रूस जिम्मेदार है और उसका उद्देश्य जवाबी हमले का बदला लेने के लिए बिजली कटौती कर यहां के लोगों को प्रकाश और गर्मी से वंचित करना है।

जेलेंस्की ने सोशल मीडिया पर अपने पोस्ट में पर नागरिक बुनियादी ढांचे को लक्षित करके आतंकवादी कृत्यों को अंजाम देने का आरोप लगाया। बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक कथित ब्लैकआउट से खार्किव और डोनेट्स्क सहित पूर्वी क्षेत्रों में करीब 90 लाख लोगों का जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। खार्किव के मेयर इहोर तेरखोव ने कहा कि नागरिक बुनियादी ढांचे पर रूसी सेना के हमले उनके शहर में बिजली और पानी की आपूर्ति व्यवस्था ठप्प हो गयी है।

उन्होंने इसे यूक्रेनी सेना की हालिया सफलताओं का बदला लेने का एक निकृष्ट और निंदनीय प्रयास बताया। पड़ोसी सूमी क्षेत्र के गवर्नर ने कहा कि अकेले एक जिले में 130 से अधिक बस्तियां बिजली के बिना हैं। रिपोर्ट के मुताबिक निप्रॉपेट्रोस और पोल्टावा क्षेत्रों में इसी तरह की समस्याएं सामने आई हैं।

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