थाइलैंड की बागडोर सेना हाथ में

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थाइलैंड में सेना की ओर से नियुक्त राष्ट्रीय सुधार परिषद (एनआरसी) ने नए संविधान के मसौदे को खारिज कर दिया है। अब आम चुनाव के अप्रैल 2017 में ही होने की संभावना जताई गई है।पहले अगले साल चुनाव कराने की योजना थी। सुधार परिषद द्वारा स्वीकार होने की स्थिति में पिछले 83 वर्षो में थाइलैंड की जनता के लिए यह 20वां संविधान होता। 247 सदस्यीय परिषद के 135 सदस्यों ने नए संविधान के मसौदे का विरोध किया जबकि 105 ने ही इसका समर्थन किया। सात सदस्यों ने इसमें हिस्सा नहीं लिया। संविधान के नए प्रारूप को पारित करने के लिए 124 मतों की जरूरत थी। जनवरी में मसौदे पर जनमत संग्रह भी कराने की योजना थी।

असहमति का मुख्य कारण मसौदे में राष्ट्रीय मेल-मिलाप रणनीति समिति के गठन का प्रावधान जोड़ना था। इसमें ज्यादातर सेना के प्रतिनिधि होते जो संकटकालीन परिस्थितियों में कार्यपालिका व विधायिका पर अपना नियंत्रण स्थापित करने में सक्षम होते।थाइलैंड की राजनीतिक पार्टियां पहले से ही इस मसौदे का विरोध कर रही थीं। अब सरकार के पास नई समिति नियुक्त करने के लिए एक महीने का वक्त है। इस समिति पर 180 दिनों में नए संविधान का मसौदा तैयार करने की जिम्मेदारी होगी।

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