चीन में एक शख्स ने मिडिल स्कूल के बच्चों पर चाकू से हमला किया। इसमें 9 बच्चों की मौत हो गई और 10 घायल हो गए। हमलावर ने इस घटना को तब अंजाम दिया जब बच्चे स्कूल से घर लौट रहे थे। अधिकारियों का दावा है कि यह घटना हाल के वर्षों में इस तरह के सबसे घातक हमलों में से एक है।
हमलावर संदिग्ध को हिरासत में ले लिया गया है। घायल बच्चों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। शानक्सी प्रांत में मिझी काउंटी के प्रचार-प्रसार विभाग ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट पर यह जानकारी साझा की है।
विभाग के अनुसार, स्थानीय समयानुसार शाम 6:10 पर यह घटना हुई। इसके अतिरिक्त उसने अन्य कोई जानकारी नहीं दी है।बच्चों कितनी उम्र के थे, विभाग ने यह सार्वजनिक नहीं किया है, लेकिन चीन में आमतौर पर 12 से 15 साल तक बच्चे मिडिल स्कूल में पढ़ते हैं।
चीन में चाकू से हमले की घटनाएं आम हो चली हैं। इस साल फरवरी में बीजिंग के एक व्यस्त शॉपिंग मॉल में एक शख्स ने निजी खुन्नस के कारण एक महिला को चाकू से गोद दिया और 12 अन्य को घायल कर दिया था। हालांकि बीजिंग में इस तरह की हिंसक घटनाएं बहुत रेयर ही होती हैं, क्योंकि वहां बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात रहता है।
पिछले साल, एक शख्स ने चाकू से हमला कर दो लोगों की हत्या कर दी थी। शेनझेन के दक्षिणी शहर में अंजाम दी गई इस घटना में 9 लोग घायल भी हो गए थे।जनवरी 2017 में, चीन के दक्षिणी गुआनशी झुआंग इलाके स्थित एक किंडरगार्टेन में एक शख्स ने 11 बच्चों को चाकू से गोद-गोदकर मार डाला था।
जून 2017 में पूर्वी चीन के फेंगशियान स्थित एक किंडरगार्टेन के बाहर हुए बम धमाके में 8 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि कम से कम 25 लोग घायल हो गए थे। इस घटना का जिम्मेदार 22 साल के एक मानसिक रूप से अस्वस्थ युवक को माना गया था।
उसने अपने अपार्टमेंट की दीवारों पर डेथ और डिस्ट्राय जैसे शब्द लिख रखे थे।फरवरी 2016 में, हैनान के दक्षिण आईलैंड प्रांत हायकू में एक शख्स ने आत्महत्या करने से पहले चाकू से हमला कर 10 बच्चों को घायल कर दिया था।
वैज्ञानिक चीन में इस तरह की बढ़ती घटनाओं के लिए मेंटल हेल्थ डिसऑर्डर को एक कारण मानते हैं।उनके अनुसार, भागदौड़ भरी जिंदगी होने के कारण लोगों में तनाव बढ़ रहा है।वैज्ञानिकों क कहना है कि देश में साइक्लोजिकल सपोर्ट तंत्र की भी घोर कमी है।