NSG में भारत के प्रवेश से चीन खफा

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भारत ने परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) का सदस्य बनने के लिए अपना अभियान तेज कर दिया है, चीन ने आज रात कहा कि 48 सदस्यीय परमाणु समूह नये सदस्यों को प्रवेश देने पर बंटा हुआ है और बातचीत अभी जारी है। एनएसजी सदस्यता प्राप्त करने के भारत के प्रयास के बारे में पूछे गए एक सवाल पर चीन के विदेश मंत्रालय ने पीटीआई को दिये एक लिखित जवाब में कहा, ‘परमाणु अप्रसार संधि (एनपीटी) पर हस्ताक्षर नहीं करने वाले देशों को सदस्यता प्रदान करने के बारे में एनएसजी में चर्चा अभी जारी है तथा एनएसजी सदस्य इस मुद्दे पर अभी भी बंटे हुए हैं।

अपने इस रूख पर कायम रहते हुए कि नये सदस्यों को एनपीटी पर हस्ताक्षर करना चाहिए, मंत्रालय ने कहा, ‘एनएसजी अंतरराष्ट्रीय अप्रसार व्यवस्था का हिस्सा है।’ उसने कहा, ‘अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने काफी समय पहले इस पर सहमति बनायी थी कि यह व्यवस्था परमाणु अप्रसार संधि पर आधारित है जिसकी गत वर्ष के मध्य में आयोजित न्यूयार्क एनपीटी समीक्षा सत्र में पुष्टि की गई थी। इसी कारण से एनएसजी ने नये सदस्यों को स्वीकार करने के लिए एनपीटी हस्ताक्षरकर्ता स्थिति को एक पूर्व शर्त बनाया गया है।

पाकिस्तान की उस अर्जी के बारे में पूछे जाने पर जिसका समूह का प्रमुख सदस्य चीन कथित तौर पर समर्थन कर रहा है, मंत्रालय ने कहा, ‘चीन ने एनएसजी के लिए पाकिस्तान की आधिकारिक अर्जी पर ध्यान दिया है। पाकिस्तान एनपीटी का सदस्य देश नहीं है।’ मंत्रालय ने कहा कि नये सदस्यों के प्रवेश के मुद्दे पर एनएसजी में अभी भी मदभेत है।

मंत्रालय ने कहा, ‘इससे यह पता चलता है कि चीन और कई देशों ने क्यों हमेशा ही एनपीटी पर हस्ताक्षर नहीं करने वाले देशों को प्रवेश देने के मुद्दे पर विस्तृत बातचीत प्रस्तावित की है ताकि सहमति एवं अंतिम निर्णय पर बातचीत के जरिये पहुंचा जा सके।’ उसने कहा, ‘चीन का दृष्टिकोण पाकिस्तान सहित एनपीटी पर हस्ताक्षर नहीं करने वाले सभी देशों पर लागू होता है।’ उसने यद्यपि भारत के बैलिस्टिक मिसाइल प्रसार के खिलाफ हेग आचार संहिता पर हस्ताक्षर करने के बारे में पूछे गए सवाल पर कोई जवाब नहीं दिया जिसका उद्देश्य बैलिस्टिक मिसाइल के प्रसार को रोकना है जो जनसंहार के हथियारों को ले जा सकती हैं।

इस महीने एनएसजी की महत्वपूर्ण बैठक से पहले चीन का जवाब अभी भी भारत की सदस्यता के प्रतिकूल है जबकि अमेरिका और कई अन्य देश भारत के स्वच्छ अप्रसार रिकार्ड के आधार पर उसके प्रवेश का समर्थन करते हैं। एनएसजी का असाधारण पूर्ण अधिवेशन नौ जून को विएना में होना है। इसके बाद 24 जून को सोल में एक और बैठक होगी जिस दौरान भारत की अर्जी पर विचार हो सकता है। बैठकों से पहले भारत ने अपना अभियान तेज कर दिया है।

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